BRICS Summit 2024 in Russia: इस साल प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार रुस दौरे पर जा रहें है. यहाँ वह 16 वें ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेंगे . यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री ऐसे समय पर जा रहे है जब रूस यूक्रेन पर जबरजस्त हमला कर रहा है .
22 और 23 अक्टूबर को होने वाले इस सम्मेलन की अध्यक्षता रूस करेगा. इस वर्ष यह सम्मलेन रूस के लिए काफी महत्वपूर्ण है. आइये जान लेते है कि ब्रिक्स क्या है , इस बार सबकी नजरें प्रधानमंत्री मोदी पर क्यों है ?
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल दूसरी बार रूस दौरे पर जा रहे है . जहाँ वह 16 वें शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेंगे . आपको बता दे कि वोल्गा नदी के किनारे तातारस्तान की राजधानी कजान में 22 और 23 अक्तूबर को होने वाले इस सम्मेलन की अध्यक्षता रूस करेगा. पिछले साल ब्रिक्स के विस्तार के बाद यह पहला सम्मेलन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आइए जान लेते हैं कि ब्रिक्स क्या है और यह भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है?
BRIC से BRICS बनने की कहानी
ब्रिक्स एक स्वतंत्र संगठन है . BRICS समूह में भारत , रूस , ब्राज़ील , चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है . वर्ष 2009 में सबसे पहले रूस की पहल पर BRIC की स्थापना हुई थी . तब इसमें दक्षिण अफ्रीका शामिल नहीं था. बाद में अगले ही साल वर्ष 2010 में दक्षिण अफ्रीका को इस समूह में शामिल कर लिया गया और यह BRICS बन गया .
आपको बता दे कि पिछले साल BRICS की बैठक दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में हुई थी . तब मिस्र, ईरान, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को भी ब्रिक्स की सदस्यता दे दी गई. सऊदी अरब अभी इसका आमंत्रित सदस्य है. इस विस्तार के बाद ब्रिक्स सम्मेलन रूस के कजान में हो रहा है.
समूह की स्थापना का उद्देश्य
वर्ष 2001 में गोल्ड मैन सैक्स के एक विश्लेषक जिम-ओ नील ने तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों ब्राजील, रूस, इंडिया और चाइना को मिलाकर BRIC शब्द गढ़ा था . सबसे पहले इसका आयोजन रुस में 16 जून 2009 में रूस में आयोजित किया गया .
इस समूह को बनाने का उद्देश्य तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था वाले देशों को एक साथ लाना था , जिससे वह पश्चिमी देशों के बढ़ते आधिपत्य को कम कर सके और उनके सामने अपनी बात को खुल कर सामने रख सके .
आपको बता दे कि इस समूह का उद्देश्य विकासशील देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाना है , जिससे पश्चिमी देश अपनी नीतियां उन पर न थोप सके . सीधे-सीधे कहें तो इसका लक्ष्य अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के आधिपत्य वाली वैश्विक व्यवस्था को चुनौती देना है. वैसे तो ब्रिक्स किसी देश के खिलाफ नहीं है पर विकासशील देशों की आवाज उठाने के लिए सशक्त मंच के रूप में देखा जाता है.
भारत के लिए BRICS की अहमियत
भारत हमेशा से ही BRICS जैसे संगठन के लिए प्रतिबद्ध रहा है . भारत हमेशा से ही एक ऐसी दुनिया को प्रोत्साहित करता है जहां पश्चिमी देशों का बहुत अधिक आधिपत्य न हो .
पिछले साल ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इसका स्पष्ट संदेश भी दे चुके हैं कि दुनिया अब बहुध्रुवीय है और अब इसे पुराने नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए.
वैसे भी ओआरएफ के आर्टिकल में कहा गया है कि भारत हमेशा से बहुत से मंचों के जरिए वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है. ब्रिक्स भी भारत के लिए एक ऐसा ही मंच है, जिसके जरिए वह वैश्विक साउथ की आवाज बन रहा है.
यह भी देखें :https://youtu.be/ODHBtTZGKsA?si=nk_w2eMPtkQqRXdq