NEW SCHOOL LAW: दिल्ली सरकार ने राजधानी के प्राइवेट और एडेड स्कूलों में मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार विधानसभा में नया बिल पेश करने जा रही है, जिसका नाम होगा – दिल्ली स्कूल एजुकेशन पारदर्शिता एवं शुल्क निर्धारण और विनियमन विधेयक, 2025। इस बिल को दिल्ली कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है और इसके लागू होते ही यह दिल्ली के सभी 1677 प्राइवेट और एडेड स्कूलों पर लागू होगा।
तीन स्तर की कमेटियों से तय होगी फीस
दिल्ली के शिक्षा मंत्री के मुताबिक, अब स्कूल की फीस तय करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए तीन स्तर पर समितियाँ बनाई जाएंगी:
- स्कूल स्तर समिति – इसमें स्कूल प्रशासन, अभिभावक प्रतिनिधि और शिक्षा निदेशालय का एक अधिकारी शामिल होगा।
- ज़िला स्तर समिति – इसमें शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट, शिक्षक और अभिभावक होंगे।
- राज्य स्तर समिति – इसमें 7 सदस्य होंगे और इसका नेतृत्व एक अध्यक्ष करेंगे, जिनकी नियुक्ति सरकार करेगी।
इन समितियों की सिफारिशों के आधार पर ही स्कूलों को फीस तय करने की अनुमति मिलेगी। यदि स्कूल स्तर की समिति की सिफारिशों से 15% या उससे अधिक अभिभावक असहमत होते हैं, तो मामला ज़िला समिति को भेजा जाएगा और यदि फिर भी विवाद बना रहता है तो राज्य समिति निर्णय लेगी।
नवंबर तक तय होगी अगली सत्र की फीस
सरकार ने कहा है कि हर साल नवंबर तक फीस तय कर दी जाएगी ताकि अभिभावक समय रहते फैसले ले सकें। यदि किसी अभिभावक को तय की गई फीस पर आपत्ति है, तो उसे फॉर्मल तरीके से अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा।
सख्त दंड के प्रावधान भी शामिल
इस बिल में उल्लंघन करने वाले स्कूलों के लिए कड़े प्रावधान रखे गए हैं:
- जो स्कूल समितियाँ नहीं बनाएंगे, उन पर ₹1 लाख से ₹10 लाख तक जुर्माना लगेगा।
- ज़रूरत पड़ने पर स्कूल की मान्यता रद्द भी की जा सकती है।
- अगर स्कूल ज़बरदस्ती बच्चों पर दबाव डालते हैं, जैसे फीस न भरने पर लाइब्रेरी में भेजना या अन्य मानसिक उत्पीड़न, तो प्रत्येक छात्र के लिए ₹50,000 प्रतिदिन का जुर्माना लगेगा।
- अगर शिकायतों के बावजूद स्कूल नहीं सुधरे, तो उनकी मान्यता स्थायी रूप से रद्द की जा सकती है।
- जो स्कूल तय प्रक्रिया के बाहर जाकर *मनमानी तरीके से फीस बढ़ाते हैं, उन्हें *अगले तीन साल तक कोई भी फीस वृद्धि करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
शिक्षा निदेशालय को मिले व्यापक अधिकार
बिल में यह भी प्रावधान है कि शिक्षा निदेशालय को धारा 14 के तहत किसी भी स्कूल के खातों और दस्तावेजों की जांच व जब्ती का अधिकार मिलेगा। इसका उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
कब से लागू होगा कानून?
सरकार का कहना है कि यह नया कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू किया जाएगा, ताकि स्कूलों को तैयारी का पूरा समय मिल सके और व्यवस्था व्यवस्थित तरीके से शुरू हो सके।