Brahma Muhurta Me Uthkar Na Kare Ye Kam: ब्रह्म मुहूर्त में भूलकर भी ना करें यह काम

Brahma Muhurta Me Uthkar Na Kare Ye Kam

Brahma Muhurta Me Uthkar Na Kare Ye Kam: भारतीय संस्कृति में दिन का प्रारंभ केवल एक दैनिक क्रिया नहीं बल्कि आध्यात्मिक साधना का अवसर माना जाता है। खासकर ब्रह्म मुहूर्त जो सूर्योदय से डेढ़ घंटे पहले लगता है, ऐसे में इस दौरान विशिष्ट कार्य करने की परंपरा है। कहा जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में यदि कोई व्यक्ति साधना(brahma muhurat saadhna) अध्ययन या आत्म चिंतन करता है तो उसे निश्चित ही लाभ मिलता है। परंतु ब्रह्म मुहूर्त में कुछ काम करने की मनाही भी होती है। यदि यह काम इस दौरान कर लिए तो हमारा दिन तो खराब होता ही है साथ ही शारीरिक कष्ट भी होते हैं।

Brahma Muhurta Me Uthkar Na Kare Ye Kam
Brahma Muhurta Me Uthkar Na Kare Ye Kam

आध्यात्मिक और मानसिक शांति पाना चाहते हैं सूर्योदय से पहले करें यह काम(things to do before sunrise)

यदि आप आध्यात्मिक उन्नति पाना चाहते हैं और मानसिक शांति हासिल करना चाहते हैं तो ब्रह्म मुहूर्त में सही कर्मों की शुरुआत करना जरूरी है। यदि इस दौरान कुछ गलतियां की गई तो आपका जीवन परेशानियों से भर जाएगा और आज के इस लेख में हम आपको इसी का संपूर्ण विवरण देने वाले हैं जहां हम बताएंगे ब्रह्म मुहूर्त में कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।आइए जानते हैं ब्रह्म मुहूर्त में किन गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए?(suryoday se pehle na kare ye kam)

देर तक सोना: ब्रह्म मुहूर्त में सोते रहना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसे व्यक्ति से माता लक्ष्मी रूष्ट हो जाती है और उन्हें जीवन में समृद्धि नहीं देती।

उठते ही मोबाइल देखना या अखबार पढ़ना: कुछ लोगों को नींद से उठते ही मोबाइल देखना या अखबार पढ़ने की आदत होती है हालांकि उठते से ही भगवान का नाम लेना चाहिए ऐसे में सकारात्मक शुरुआत दिन को सकारात्मक बना देती है।

नकारात्मक विचारों को मन में लाना: यदि आप ब्रह्म मुहूर्त में नकारात्मक विचार लेकर आते हैं जैसे कि आप किसी पर क्रोध करते हैं, चिंता करते हैं या किसी से चिढ़ते हैं तो यह आपकी ऊर्जा को प्रभावित करता है इससे दिन भर की ऊर्जा विचलित हो जाती है और आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

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आलसी और निष्क्रिय रहना: ब्रह्म मुहूर्त में आलस नहीं करना चाहिए। इस समय योग करना जरूरी है। अथवा आप आध्यात्मिक ध्यान या प्रार्थना कर सकते हैं जिससे मानसिक स्पष्टता आती है।

अनावश्यक बातचीत करना: ब्रह्म मुहूर्त में बिना वजह बातचीत नहीं करनी चाहिए और शोर गुल से बचना चाहिए। इस दौरान ऊंची आवाज में बोलने से भी मानसिक शांति भंग होती है।

बिना स्नान के खाना खाना: ब्रह्म मुहूर्त में उठते से ही बिना स्नान किए खाना भी नहीं खाना चाहिए। ऐसे विचारों की अशुद्धता खाने में भी ट्रांसफर हो जाती है और भोजन की ऊर्जा के साथ हमारी स्वयं की ऊर्जा भी बिगड़ जाती है।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग: ब्रह्म मुहूर्त में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे की टीवी, रेडियो, फोन इत्यादि भी मानसिक शांति को भंग करते हैं ऐसे में सुबह-सुबह इन उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए।

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