Books and dress determination in private schools: रीवा जिले में निजी स्कूलों में पुस्तक और ड्रेस सहित अन्य वस्तुओं पर लगातार शुल्क बढ़ाया जा रहा है। जिसके चलते अभिभावक लगातार परेशान हो रहे हैं। इस संबंध में लगातार संभागायुक्त के पास शिकायतें पहुंच रही हैं। इस संबंध में व्यवस्था बनाने के लिए कमिश्नरी द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखा गया है। बतादें कि अधिवक्ता बीके माला के साथ कई अभिभावकों ने बीते महीने संभागायुक्त को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था जिसमें मांग उठाई थी कि हर साल निजी स्कूलों द्वारा नई पुस्तकें निर्धारित कर दी जाती हैं और इनकी कीमत भी हर साल बढ़ाई जा रही है। जिसके चलते अभिभावकों पर आर्थिक भार बढ़ता है।
ज्ञापन के जरिये बताया गया था कि अगले सत्र में पुस्तकें निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, अभी से इस पर निगरानी रखी जाए ताकि अभिभावकों को लुटने से बचाया जा सके। एनसीईआरटी की पुस्तकों के विपरीत निजी प्रकाशक, दुकानदार और स्कूल संचालकों की मिलीभगत की वजह से आगामी सत्र में भी अभिभावकों को आर्थिक चोट देने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में संभागायुक्त के निर्देश पर कमिश्नरी के संयुक्त आयुक्त ने कलेक्टर को पत्र लिखा है। जिसमें शिकायती पत्र भी भेजा गया है और कहा गया है कि बिन्दुवार इसमें कार्रवाई की जाए और संबंधित को भी की गई कार्रवाई से अवगत कराया जाए।