रीवा के कृष्णा राजकपूर सभागार में तीन दिवसीय चित्रांगन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल कला,साहित्य,संगीत,फिल्म प्रेमियों के लिए बेहतरीन उत्सव बन कर उभरा।इसमें खास था विंध्य पुस्तक मेला जिसमे राजकमल प्रकाशन की ओर से किताबों का मेला लगाया गया.साहित्य से लेकर दर्शन,अध्यात्म,राजनीति हर क्षेत्र से जुडी किताबें इस पुस्तक मेले में उपलब्ध रहीं।
दूर दूर से आये साहित्य और फिल्म प्रेमियो ने इस पुस्तक मेले का लुत्फ़ उठाया।लोगों का कहना था कि पुस्तक मेला किसी मिठाई की दुकान की तरह होता है.ऐसा लगता है सब उठा लें.यकीनन किताबों को देखकर किसी भी पुस्तक प्रेमी के मन में ये भाव उठना वाजिब है.
चे गुएवेरा की क्रांति से लेकर अमृता प्रीतम की प्रेम कविताएं,उपनिषदों का ज्ञान,कबीर ग्रंथावली,लोहिया का जीवन तो अम्बेडकर की संविधान यात्रा।आधा गांव,राग दरबारी,प्रेमचंद का सम्पूर्ण साहित्य और इसी तरह की अनगनित बेशकीमती किताबों से ये पुस्तक मेला सजा रहा.
आइये देखते हैं इसकी एक झलक.