Chronic Fatigue Syndrome: इस भयंकर बीमारी से ग्रसित हैं बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता!

Chronic Fatigue Syndrome: बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में तनुश्री दत्ता फूट-फूट कर रो रही हैं। तनुश्री वीडियो में बता रही हैं कि 4 से 5 सालों से घर में उनका शोषण हो रहा है। वीडियो देखने के बाद उनके प्रशंसक डरे हुए हैं। तनुश्री बता रही हैं कि वह घर में मुश्किल में हैं और किसी को उनकी मदद करनी चाहिए। अभिनेत्री का कहना है कि वह 5 सालों से तनाव में थीं जिसके कारण उन्हें Chronic Fatigue Syndrome हो गया है।आपको बता दें कि भारत में इस प्रकार के बहुत कम केस मिलते हैं।

क्या है Chronic Fatigue Syndrome रोग ?

Chronic Fatigue Syndrome को मायलजिक इंसेफेलोमाइलाइटिस भी कहा जाता है। यह एक गंभीर और लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है जो व्यक्ति को सामान्य गतिविधियाँ करने से रोकती है। व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार महसूस करता है। Chronic Fatigue Syndrome से पीड़ित व्यक्ति को देखकर इस बीमारी का पता लगाना मुश्किल होता है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों के कई अंग प्रभावित होते हैं और वे चाहकर भी आराम महसूस नहीं करते। जानिए क्रोनिक थकान सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं।

क्या हैं Chronic Fatigue Syndrome के लक्षण?

Chronic Fatigue Syndrome के कारण व्यक्ति को हर समय थकान महसूस होती है जिससे व्यक्ति को बीमार होने का अनुभव होता है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति अधिकाशं समय बिस्तर पर ही रहता है। Chronic Fatigue Syndrome से पीड़ित 90 प्रतिशत लोगों को यह पता ही नहीं होता कि मैं इस बीमारी से ग्रसित हूं। कुछ प्रमुख लक्षण दिखने पर इस बीमारी का पता चलता है। Chronic Fatigue Syndrome पर निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं।

  • गंभीर थकान
  • नींद में समस्या
  • चक्कर आना
  • सोचने में समस्या
  • बीमार महसूस होना

Chronic Fatigue Syndrome का इलाज कैसे होगा?

आपको बता दें कि Chronic Fatigue Syndrome एक लाइलाज बीमारी है इस बीमारी का आज तक कोई डॉक्टर इलाज ही नहीं ढूंढ पाया है। लेकिन यदि इस बीमारी का आभास हो जाए तो इसको लक्षणों को काबू में किया जा सकता है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को इस बीमारी के बारे में नहीं बताया जाता है। परिवार के साथ समन्वय बिठा कर उसके हेल्थ इश्यूज़ को साझा किया जाता है। ज़रूरत पड़ने पर मरीज़ को दवाएँ भी दी जाती हैं। डॉक्टर व्यक्ति से उसके वर्तमान और अतीत के बारे में कई सवाल पूछते हैं और यह जानने की कोशिश करते हैं कि लक्षण कितने गंभीर हैं। ऐसी बीमारी में परिवार का सहयोग और डॉक्टर की उचित सलाह बहुत जरूरी होती है।

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