मध्यप्रदेश में खनन माफियाओं ने अपनी पहचान और दबंगई के दम पर कई लोगों की जान ली है. लोगों का कहना है कि इन्हें राजनैतिक संरक्षण मिलने के कारण इनके हौसले बुलंद रहते हैं. एक हत्यारा जेल जाता है तो दूसरा तैयार हो जाता है. हाल ही में 25 नवंबर को शहडोल में खनन माफियाओं द्वारा पटवारी की ट्रैक्टर से कुचलकर की गई हत्या ने पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. आइए बताते हैं कि इससे पहले MP में ऐसी कितनी हत्याएं हुई हैं.
मध्य प्रदेश में खनन माफियाओं के काले कारनामों का खूनी इतिहास रहा है. दस साल पहले एक IPS अधिकारी की हत्या माफिया द्वारा की जा चुकी है. इसके अलावा हर साल रेत और पत्थर माफिया के कारनामे चाहे जब सुर्ख़ियों में बनते रहते हैं. ताज्जुब की बात तो ये है कि इन पर शासन-प्रशासन का कोई भय ही नहीं रहता है. चंबल और नर्मदा से लगे जिलों में रेत और पत्थर माफिया का आतंक है.
जब माफियाओं ने खेली खून की होली
साल 2012 में मुरैना जिले के बामौर कस्बे में अवैध खनन में शामिल खनिज माफिया ने नौजवान IPS अधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह को ट्रैक्टर ट्रॉली से कुचलकर मार डाला था. साल 2009 बैच के IPS नरेंद्र मुरैना में प्रशिक्षु पुलिस अनुमंडल अधिकारी (SDOP) के तौर पर तैनात थे. ये घटना होली के दिन हुई थी. जब एक तरफ सारा देश रंगों से खेल रहा था वहीं खूनी रेत माफिया ने आईपीएस की हत्या कर दी. इस घटना ने पूरे प्रदेश को हिला कर रखा दिया था.
वन कर्मियों को पीटा गया
मई 2022 में अशोकनगर जिले में खनन माफियाओं की गुंडागर्दी सामने आई थी. अवैध रूप से रेत का खनन कर जब माफिया भाग रहे थे तो वन कर्मियों ने उन्हें रोका तभी उन पर पर लाठी-डंडे से हमला कर दिया। इतना ही नहीं पत्थर भी फेंके गए और रेंजर से राइफल छीनने का प्रयास भी किया गया. माफिया के हमले से एक वन अधिकारी का हाथ फ्रैक्चर हो गया था और पांच वन कर्मी घायल भी हुए थे. इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई थी.
माइनिंग इन्स्पेक्टर पर हमला
साल 2015 के जून महीने में शाजापुर जिले के शुजालपुर इलाके में मौजूद महिला माइनिंग इंस्पेक्टर रीना पाठक टीम के साथ छापा मारने गई थीं. महिला अधिकारी रीना पाठक को एक शिकायत की पुष्टि करने के लिए खनन इलाके में भेजा गया था. खनन माफिया को इसकी जैसे ही भनक लगी, उसने टीम को घेर लिया और हमला कर दिया। इस हमले में होमगार्ड के तीन जवान बुरी तरह घायल हो गए थे. इसके बाद 21 लोगों को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
बालाघाट में पत्रकार की हत्या
जून 2015 में दूसरी घटना बालाघाट जिले में घटी. उस घटना में बौखलाए रेत खनन माफियाओं के गुंडों ने पत्रकार का अपहरण कर उसे जिंदा जला दिया था. 40 साल के पत्रकार की लाश महाराष्ट्र के वर्धा इलाके में एक खेत में मिली। उस घटना में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार किए गए आरोपी खनन और चिटफंड कारोबार से जुड़े हुए पाए गए थे. वे सब कोर्ट में चल रहे एक मुकदमे को वापिस लेने के लिए पत्रकार पर दबाव बना रहे थे.
रेंजर को ट्रैक्टर से कुचला
सितंबर 2018 में मुरैना के देवरी गांव में खनन माफियाओं ने वन विभाग के डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा की ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या कर दी थी. बताया गया था कि डिप्टी रेंजर वन विभाग की चौकी पर ड्यूटी कर रहे थे. उसी दौरान ट्रैक्टर चालक उन्हें कुचलकर आगे बढ़ गया. ये घटना भी अवैध खनन से जुड़ी थी.
शहडोल में पटवारी की हत्या
हाल ही में 25 नवंबर की रात शहडोल में एक पटवारी की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई. रीवा जिले के रहने वाले पटवारी प्रसन्न सिंह ब्योहारी में पदस्थ थे. खनन की सूचना मिलते ही वे टीम के साथ वहां पहुंचे तभी उन पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया गया. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों की गिरफ्तार किया है.