Site icon SHABD SANCHI

BJP won Delhi Election : दिल्ली में मनेगी दिवाली! 27 साल बाद लौटी भाजपा

BJP won Delhi Election : दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का 27 साल का वनवास आज समाप्त हो गया। लंबे इंतज़ार के बाद आखिरकार दिल्ली की जनता ने भाजपा को स्वीकार कर लिया। इसी के साथ दिल्ली में भाजपा ने प्रचण्ड जीत के साथ दमदार एंट्री की है। भाजपा ने मतगणना के शुरुआती रुझानों में ही बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया था। भाजपा ने बड़ी बढ़त को अंत तक बनाए रखा। बाद में भाजपा का भगवा झंडा दिल्ली में फहर गया। 

दिल्ली में उड़ी भाजपा की आँधी | BJP won Delhi Election

दिल्ली में आज भाजपा की आँधी ने आम आदमी पार्टी को धूल चटा दिया। दिल्ली में आज के चुनावी रिसल्ट में यह साफ हो गया है कि दिल्ली में भाजपा अब नंबर-1 पार्टी बन गई है जबकि आम आदमी पार्टी जो पिछले तीन चुनावों में पहले नंबर पर थी वह इस चुनाव में दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है। वहीं कांग्रेस का हाल सबसे बुरा रहा। कांग्रेस को दिल्ली में एक भी सीट नहीं मिली है। 

दिल्ली चुनाव का Score Card 

71% के स्ट्राइक रेट के साथ जीती भाजपा 

भाजपा ने 70 में से 48 सीटों पर विजय प्राप्त की, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को 22 सीटें मिलीं। कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। इस चुनाव में भाजपा ने 71% स्ट्राइक रेट के साथ 40 सीटों में बढ़त दर्ज की, जबकि आप को 40 सीटों का नुकसान हुआ। भाजपा ने पिछले चुनाव (2020) की तुलना में वोट शेयर में 9% से अधिक का इजाफा किया, जबकि आप को करीब 10% का नुकसान हुआ है। इस चुनाव में भाजपा ने 71% स्ट्राइक रेट के साथ 40 सीटों में बढ़त दर्ज की, जबकि आप को 40 सीटों का नुकसान हुआ। भाजपा ने पिछले चुनाव (2020) की तुलना में वोट शेयर में 9% से अधिक का इजाफा किया, जबकि आप को करीब 10% का नुकसान हुआ है। 

दिल्ली चुनावी में भाजपा की जीत का इतिहास 

दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा का इतिहास मिश्रित रहा है। पार्टी ने दिल्ली में पहली बार 1993 में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन तब वह कोई विशेष सफलता हासिल नहीं कर पाई थी। भाजपा ने दिल्ली में अपनी पहली महत्वपूर्ण जीत 1993 में हासिल की, जब वह कुछ सीटें जीतने में सफल रही।

फिर, 1998 में भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल किया, और मदन लाल खुराना ने मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला। इस चुनाव में भाजपा ने 60 में से 48 सीटें जीतीं और दिल्ली में पहली बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई।

इसके बाद, 2003 और 2008 में भाजपा को क्रमशः 20 और 23 सीटें मिलीं, लेकिन वे कांग्रेस के मुकाबले सत्ता में नहीं आ पाईं। 2013 में भाजपा ने फिर से अच्छे परिणाम दिखाए, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ कांटे की टक्कर के कारण कांग्रेस को हराने में विफल रही।

इसके बाद, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की, और भाजपा को हर बार कम सीटें मिलीं। 2020 के चुनाव में भाजपा को 8 सीटें मिली थीं, जबकि AAP ने 62 सीटों पर कब्जा किया।

इस प्रकार, भाजपा की दिल्ली चुनावों में प्रमुख जीत 1998 और उसके बाद के वर्षों में दिखाई दी, लेकिन हाल के वर्षों में आम आदमी पार्टी के दबदबे के कारण भाजपा को चुनावी चुनौती का सामना करना पड़ा है।

Also Read : Delhi Election Result 2025 : ‘दिल्ली’ की कुर्सी का मोह केजरीवाल को ले डूबा, जानिए क्यों हारी ‘AAP’

Exit mobile version