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भाजपा इस बार 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी: प्रशांत किशोर

prashant kishore

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प्रशांत किशोर ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ओडिसा और पश्चिम बंगाल में नंबर एक पार्टी बनने जा रही है. तेलंगाना में भाजपा पहले या दूसरे नंबर पर रह सकती है. तमिलनाडु में भाजपा का वोट शेयर दोहरे अंक तक पहुंच सकता है. कुल 543 लोकसभा सीटों में से तेलंगाना, ओडिसा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार और केरल में 204 सीटें हैं. हालांकि, भाजपा 2014 या 2019 में इन सभी राज्यों को मिलाकर 50 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी थी.

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है. वह 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी। हालांकि उन्होंने भाजपा के 370 सीटें जीतने के दावे को ख़ारिज कर दिया है. प्रशांत किशोर ने एक न्यूज एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि विपक्ष की सुस्त और कमजोर रणनीति की वजह से भाजपा को दक्षिण और पूर्वी भारत में फायदा होता दिख रहा है. इन दोनों क्षेत्रों में 2019 के मुकाबले पार्टी के वोट शेयर और सीटें बढ़ सकती हैं. ये दो क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पार्टी की पकड़ कमजोर है.

ओडिसा और बंगाल में नबंर एक पर होगी भाजपा

प्रशांत किशोर ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ओडिसा और पश्चिम बंगाल में नंबर एक पार्टी बनने जा रही है. तेलंगाना में भाजपा पहले या दूसरे नंबर पर रह सकती है. तमिलनाडु में भाजपा का वोट शेयर दोहरे अंक तक पहुंच सकता है. कुल 543 लोकसभा सीटों में से तेलंगाना, ओडिसा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार और केरल में 204 सीटें हैं. हालांकि, भाजपा 2014 या 2019 में इन सभी राज्यों को मिलाकर 50 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी थी.

केरल जीतकर देश नहीं जीत सकते राहुल गांधी: प्रशांत किशोर

राहुल गांधी को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस की लड़ाई उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में हैं, लेकिन उनके नेता मणिपुर और मेघालय का दौरा करते हैं. अगर आप यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में नहीं जीते, तो वायनाड जीतने का कोई फायदा नहीं है. किशोर ने कहा राहुल का अपने पारिवारिक गढ़ अमेठी से चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखाने पर कहा कि अकेले केरल जीतकर आप देश नहीं जीत सकते। अमेठी को छोड़ देने से कोई फायदा नहीं है.

मोदी ने 2014 में अपने गृह राज्य गुजरात के साथ-साथ उत्तरप्रदेश से चुनाव लड़ने का विकल्प चुना था. इसलिए क्योंकि आप भारत को तब तक नहीं जीत सकते हैं जब तक आप हिंदी पट्टी को नहीं जीतते या हिंदी पट्टी में मौजूदगी दर्ज नहीं कराते।

विपक्ष ने गंवाए मौके

किशोर ने कहा कि भाजपा का प्रभाव है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी को हराया नहीं जा सकता है. विपक्ष के पास भाजपा के रथ को रोकने की तीन संभानाएं थीं, लेकिन उन्होंने आलस और गलत रणनीतियों के कारण तीनों मौके गवां दिए.

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