अमित शाह की भी नहीं मानी बात तो पार्टी से किया बाहर

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BJP ने कर्नाटका के बागी नेता केएस ईश्वरप्पा (KS Ishwarappa) को 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया है. ईश्वरप्पा अपने बेटे को हावेरी लोकसभा सीट से टिकट न दिए जाने पर बागी हो गए थे. वो BJP से इतना ज्यादा नाराज थे कि शिवमोगा से निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल कर दिया। इसी वजह से अब पार्टी ने उनके खिलाफ एक्शन ले लिया है. शिवमोगा सीट से बीएस येदियुरप्पा के बेटे बिवाई राघवेंद्र से मुकाबला करेंगे। शिवमोगा में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मतदान होगा।

इंडिया टुडे से जुड़े लगाय राज की रिपोर्ट के मुताबिक़ कर्नाटका के पूर्व डिप्टी सीएम ईश्वरप्पा (KS Ishwarappa) ने पिछले दिनों राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया थे.

ये ऐलान करते हुए ईश्वरप्पा (KS Ishwarappa) ने न्यूज़ एजेंसी PTI से कहा था,

‘कर्नाटका में BJP अच्छी स्थिति में नहीं है. कर्नाटका की जनता और पार्टी के कार्यकर्त्ता तो BJP के पक्ष में हैं, लेकिन यहां की व्यवस्था बहुत खराब है.’

बीएस येदियुरप्पा पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए उनका कहना था,

‘मोदी जी कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी एक परिवार के हाथ में हैं, लेकिन कर्नाटका BJP में भी यही स्थिति है. कर्नाटका BJP पर भी एक परिवार का कब्ज़ा है. हमे इसका विरोध करना होगा।’

बताया जा रहा है कि नाराज ईश्वरप्पा (KS Ishwarappa) ने जब शिवमोगा से नामांकन किया तो खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे पर्चा वापस लेने को कहा, लेकिन वो नहीं माने।

अब BJP द्वारा केएस ईश्वरप्पा (KS Ishwarappa) पर कार्यवाई किए जाने को लेकर एक पत्र जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि ईश्वरप्पा ने पार्टी के प्रोटोकॉल के खिलाफ जानें और इस लोकसभा चुनाव को निर्दलीय के रूप में लड़ने का फैसला किया है. इससे पार्टी की फजीहत हुई है. इसके बाद पार्टी ने यह कदम उठाया है और उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाता है.

ईश्वरप्पा अब क्या बोले हैं?

केएस इश्वरप्पा (KS Ishwarappa) ने BJP से निकाले जाने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा,

‘मैंने एक स्वंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. मुझे अभी भी उम्मीद है. मुझे किसी निष्कासन का डर नहीं है.’

उन्होंने आगे कहा, ;मैं चुनाव लडूंगा और जीतूंगा भी और फिर से BJP में वापस जाऊंगा। मैंने पांच बार कमल के निशान के साथ चुनाव लड़ा है.’

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