पार्षद संध्या यादव रिक्शा चालक से ये कहती हुई नजर आ रही हैं कि मोदीजी को वोट नहीं दोगे। ये नोटा क्या है। पार्षद के साथ मौजूद व्यक्ति ने भी कहा कि मोदी जी ने इतना कुछ किया है। दूसरे ऑटो रिक्शा में भी यदि पोस्टर लगे हों तो उसे भी हटाएं। वीडियो इंदौर में एरोड्रम थाने के सामने का है।
इंदौर की लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी की नामवापसी के बाद अब NOTA (Nothing Of The Above) का बटन दबाने का अभियान छिड़ गया है. इससे भाजपा में खलबली मच गई. इसी वजह से कांग्रेस प्रत्याशी के मैदान में रहते भाजपा ने 8 लाख वोटों से चुनाव जीतने का लक्ष्य रखा था अब उसे बढ़ाकर 11 लाख कर दिया है। कांग्रेस के नोटा अभियान के बीच बुधवार 8 मई को मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की विधानसभा 1 में वार्ड क्रमांक 6 से पार्षद संध्या यादव का एक वीडियो सामने आया है।
इसमें पार्षद महोदया ऑटो रिक्शा के पीछे लगे नोटा अभियान के पोस्टर को हटाती नजर आ रही हैं। यह वीडियो कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा ने बुधवार 8 मई को ट्वीट किया है। कांग्रेस ने इसे तानाशाही बताया है, जबकि पार्षद यादव का कहना है कि एक जागरुक नागरिक के तौर पर उन्होंने पोस्टर हटाया। जनता कांग्रेस को 13 मई को जवाब देगी।
वीडियो में पार्षद संध्या यादव रिक्शा चालक से ये कहती हुई नजर आ रही हैं कि मोदीजी को वोट नहीं दोगे। ये नोटा क्या है। पार्षद के साथ मौजूद व्यक्ति ने भी कहा कि मोदी जी ने इतना कुछ किया है। दूसरे ऑटो रिक्शा में भी यदि पोस्टर लगे हों तो उसे भी हटाएं। वीडियो इंदौर में एरोड्रम थाने के सामने का है। मामले में कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा ने कहा कि ये तानाशाही है। इस तरह से बीजेपी के द्वारा लोगों को डराया जा रहा है। लोग खुलकर नोटा को सपोर्ट कर रहे हैं।
इस मामले में पार्षद ने क्या कहा?
मामले में पार्षद संध्या यादव ने कहा कि एक जागरूक नागरिक होने के नाते उन्होंने ऑटो रिक्शा से पोस्टर हटाया। रिक्शा चालक से जब पूछा गया तो उसे पता ही नहीं था कि नोटा क्या है। कांग्रेसी नेताओं ने उसे 50 रुपए दिए थे और कहा था कि थोड़ी देर पोस्टर लगे रहने देना। बाद में हटा देना। नोटा कोई उम्मीदवार तो नहीं है। जिस प्रकार स्वच्छता में इंदौर नंबर वन आया है, उसी तरह मतदान में भी नंबर वन आएगा। कांग्रेस जनता को भ्रमित करने का काम करती है। उनके प्रत्याशी ने बीजेपी की विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी जॉइन कर ली है।