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करेले का अचार : कड़वाहट में छुपा स्वाद और सेहत का खज़ाना

भारतीय रसोई में अचार सिर्फ स्वाद बढ़ाने का साधन नहीं, बल्कि परंपरा, पोषण और घरेलू नुस्खों का हिस्सा होता है। इन्हीं खास अचारों में एक अनोखा नाम है करेले का अचार। करेले की कड़वाहट को मसालों और तेल की गर्मी के साथ इस तरह संतुलित किया जाता है कि यह अचार न सिर्फ ज़ायकेदार बनता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी होता है।

करेला : गुणों से भरपूर सब्ज़ी
करेला आयुर्वेद में एक औषधीय सब्ज़ी मानी जाती है। यह पाचन सुधारता है, डायबिटीज़ के लिए लाभकारी है और शरीर को डिटॉक्स करता है। करेले का अचार इन सभी गुणों को लम्बे समय तक सुरक्षित रखता है।

करेले का अचार : बनाने की रेसिपी
एक पारंपरिक अचार जो स्वाद और सेहत दोनों में लाजवाब है। करेले का अचार न सिर्फ खाने में मज़ेदार होता है बल्कि पाचन के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।

सामग्री 500 ग्राम करेले के लिए

करेला अचार बनाने की आसान विधि
करेले की तैयारी : करेले धोकर पतले गोल या लंबाई में काट लें, इनमें 1 टेबलस्पून नमक मिलाकर 4-5 घंटे तक ढककर रखें ताकि कड़वाहट निकल जाए, फिर हाथ से दबाकर सारा पानी निकाल दें और करेले को सुखा लें।
मसाला भूनना : एक पैन में हल्की आंच पर सौंफ, मेथी दाना और कलौंजी को हल्का सा भून लें और ठंडा करके दरदरा कूट लें। इसमें हल्दी, लाल मिर्च पाउडर और नमक सहित बाकी बचा हुआ सारा मसाला मिला लें।
तेल गरम करना : सरसों का तेल अच्छी तरह से गरम करें ,जब धुआं निकलने लगे तो फिर ठंडा होने दें। इसमें हींग डालें और मसाला डालकर मिलाएं।
अचार तैयार करना : अब कटे और सूखे करेले मसाले में मिलाएं, सिरका डालकर अच्छे से मिक्स करें।
स्टोर करना : अचार को कांच की साफ बरनी यानी जार में भरें। यदि धूप निकली हुई है तो 2-3 दिन धूप में रखें ताकि अचार गले और स्वाद बढ़े।इतने में अचार खाने लायक तैयार हो जाता है इसे आराम से छः महीने तक बिना किसी खास तवज्जो के स्टोर किया जा सकता है।

सेहत के फायदे

करेले का अचार क्यों खास है ?

करेला अचार की सेविंग और उपयोग
करेले का अचार दाल-चावल,पराठा,खिचड़ी या पूरी के साथ लाजवाब स्वाद देता है। इसे रोज़ खाने से पाचन बेहतर होता है और डायजेशन से जुड़ी समस्याएं दूर रहती हैं।

धूप का पका स्वाद
इस अचार को कांच की बरनी में भरकर कुछ दिनों तक धूप में रखने से इसका स्वाद और रंग दोनों गहराते हैं। यह पारंपरिक तकनीक बिना केमिकल्स के प्राकृतिक तरीके से अचार को संरक्षित करती है। करेले का अचार केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत और परंपरा का संगम है। यह अचार दिखाता है कि अगर कड़वाहट को सही मसालों के साथ मिलाया जाए, तो वह ज़िंदगी में भी स्वाद भर सकती है।

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