Happy Birthday Jassi Gill: पंजाबी म्यूजिक की दुनिया में अपने नाम की धाक जमाने वाले सिंगर जस्सी गिल (Jassi Gill) के गानों पर लोग ना थिरके ऐसा संभव ही नहीं हो सकता. ‘बापू जिमीदार’, ‘गिटार सीखदा’, ‘गबरू’ और ‘सोलमेट’ जैसे तमाम गानों को लोग खूब पसंद करते हैं और शादियों और पार्टियों में इन्हें बजाते हैं और खूब थिरकते भी करते हैं. सिंगर ने अपने दमदार गानों के दम पर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपना एक सॉलिड नाम बना लिया हैं. जस्सी (Jassi Gill) का लगभग हर गाना रिलीज होते ही ब्लॉकबस्टर साबित होता है.
इतना ही नहीं जस्सी (Jassi Gill) ने अपने सिंगिंग के दम पर लोगों का दिल तो जीता ही है साथ ही उन्होंने फिल्मों में एक्टिंग से भी लोगों के दिलों में जगह बनाई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि म्यूजिक की दुनिया का ये चमकता सितारा कभी गुजारा करने के लिए विदेश में गाड़ियां धोने का काम करता था, इतना ही नहीं जस्सी (Jassi Gill) कभी सिंगर ही नहीं बनना चाहते थे. लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था, इस चमकते सितारे को आखिरकार अपनी चमक मिल ही गई.
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विदेश में गाड़ियां धोते थे जस्सी गिल:
आज जस्सी गिल (Jassi Gill) के जन्मदिन के मौके पर हम इस चमकते सितारे के संघर्ष की कहानी का जिक्र करने जा रहे हैं जिसे जानना हर किसी के लिए जरूरी है. एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कोई यूं ही इतना बड़ा नाम नहीं बना लेता है. हर सफल व्यक्ति के पीछे उसके संघर्ष की कहानी होती है, जस्सी के साथ भी कुछ ऐसा ही था. तो चलिए जानते हैं कि जस्सी गिल संगीत की दुनिया में कैसे आए और वो अपना गुजरा करने के लिए क्या क्या करते थे?
गौरतलब है कि जस्सी गिल के चाहने वाले सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं. इस सफलता के लिए जस्सी ने दिन रात कड़ी मेहनत की है. इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने से पहले जस्सी विदेश में रहा करते थे और वहां वो लोगों की गाड़ियां चलाया करते थे. इसके साथ ही वो गाड़ियां धोने का काम भी किया करते थे. इन कामों से जो पैसे मिलते थे जस्सी (Jassi Gill) उसे बचाते थे.
कई सालों तक किसी तरह उन्होंने पैसे जमा किए. फिर इन पैसों से जस्सी ने साल 2011 में अपना पहला एल्बम रिलीज किया जिसका नाम था ‘बैचमेट’. जस्सी का पहला गाना ताश के इक्के की तरह था जो बिल्कुल सही समय पर पड़ा. सिंगर का पहला एल्बम ब्लॉकबस्टर हिट रहा. फिर का ये चमका सितारा पंजाबी इंडस्ट्री में छा गया.
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सिंगर नहीं बनना कहते थे जस्सी गिल:
ये तो बात हुई सिंगर जस्सी गिल (Jassi Gill) के संघर्ष की लेकिन क्या आपको पता है इंडस्ट्री का चमकता सितारा सिंगर ही नहीं बनना चाहता था. लेकिन वो कहते है न कि कब किसकी जिंदगी में कौन गुरु के रूप में शामिल हो जाए और तकदीर के रुख को नई दिशा दे दे, यह कोई नहीं जानता. ऐसा ही कुछ जस्सी के साथ हुआ उनके एक टीचर ने सिंगर की किस्मत ही बदल दी.
दरअसल, जस्सी (Jassi Gill) ने अपनी शुरुआती पढ़ाई संत ईशर सिंह मेमोरियल स्कूल से की है. इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए गोबिंदगढ़ कॉलेज में एडमिशन लिया. इसी कॉलेज में जस्सी की मुलाकात उनके म्यूजिक टीचर नरेंद्र धीमान से हुई. नरेंद्र धीमान ने जस्सी के अंदर का टेलेंट पहचान जैसे माता-पिता के बाद एक टीचर ही होता है जो बच्चे की प्रतिभा के बारे में अच्छे से जान और समझ सकता है. वैसा ही कुछ जस्सी के साथ हुआ.
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हालांकि जस्सी गाना अच्छा गाते थे, लेकिन उन्हें सिंगर बनने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. लेकिन सिंगर के टैलेंट को पहचानते हुए उनके टीचर नरेंद्र धीमान ने जस्सी को गाने के लिए मोटीवेट किया और उन्हें अच्छी ट्रेनिंग दी. नरेंद्र धीमान की ट्रेनिंग इतनी दमदार थी कि जस्सी (Jassi Gill) लगातार चार साल तक पंजाब यूथ फेस्टिवल में प्रथम स्थान प्राप्त करते रहे. फिर क्या, जस्सी के गाने के प्रति जुनून और उन्हें मोटीवेट करने के लिए नरेंद्र धीमान की ट्रेनिंग ने जस्सी को आज सुपरहिट सिंगर बना दिया.