Bijali Rani Death Reason : आवाज़ की मल्लिका-अदाओं की अप्सरा,बला की खूबसूरत बिजली रानी का निधन-जिसने खुद अपने हुनर से नवाज़ा अपने आप को ,संवारा अपने व्यक्तित्वा को ,जिसकी आवाज़ में थी खनक, डांस से गिराती थीं बिजली…जी – हाँ , भोजपुरी लोकगायिका बिजली रानी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। भोजपुरी लोक संगीत की मशहूर गायिका और डांसर बिजली रानी का 70 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से किडनी फेलियर से जूझ रही थीं। पवन सिंह ने उनके इलाज में मदद की थी। जानें, कौन थीं बिजली रानी और क्यों उन्हें भोजपुरी की थियेटर क्वीन कहा जाता था। भोजपुरी की चर्चित लोकगायिका और डांसर बिजली रानी का शुक्रवार को 70 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह सासाराम जिले के नटवर गांव की रहने वाली थीं। लंबे समय से बीमार चल रहीं बिजली रानी ने अपने पैतृक आवास पर अंतिम सांस ली। उनकी मौत से भोजपुरी इंडस्ट्री में शोक की लहर है,एक ऐसी आवाज, जिसने दशकों तक मंचों पर “बिजली” की तरह चमक बिखेरी, अब हमेशा के लिए खामोश हो गई।
कौन थीं बिजली रानी ?
बिजली रानी का जन्म बिहार के सासाराम जिले के नटवर गांव में हुआ था। 1980-90 के दशक में उन्होंने भोजपुरी लोकगायन और मंचीय नृत्य के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई। उनकी खनकदार आवाज और तेजतर्रार डांस मूव्स ने उन्हें उस दौर की सुपरस्टार बना दिया था। भोजपुर, शाहाबाद और मगध क्षेत्रों में उनके गीत और प्रदर्शन इतने लोकप्रिय थे कि शादियों, मेलों और सांस्कृतिक आयोजनों में उनके बिना कार्यक्रम अधूरा माना जाता था। उनके कार्यक्रमों की फीस उस समय काफी ऊंची मानी जाती थी और अमीर घरानों में ही उनके शो आयोजित होते थे। लेकिन अपने हुनर से दौलत – ओ -शोहरत यूँ ही नहीं मिली थी बिजली रानी को,भोजपुर के लिए अश्लील गानों के प्रचार – प्रसार व बढ़ावा देने का जिम्मेदार और इसके लिए भरपूर विरोध भी खूब झेला बिजली रानी ने लेकिन अपने नाम की चमक और हुनर का जलवा कभी फीका नहीं पड़ने दिया बिजली रानी ने। आज जहां समूचे भोजपुर संगीत जगत की बिजली गुल हो गई है इस अदाकारा के निधन से ,वहीं भोजपुर के समूचे कला जगत के कलाकार आज बिजली रानी के निधन पर शोक संवेदना -अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अपनी प्रेरणा के अंतिम दर्शन को उमड़ पढ़ा है।

भोजपुरी लोक संगीत जगत की ‘बिजली’ बुझ गई
बिजली रानी ने कई भोजपुरी फिल्मों और लोक वीडियोज में काम किया और अपनी प्रतिभा से हजारों कलाकारों को प्रेरित किया। वे सिर्फ गायिका या नृत्यांगना नहीं थीं, बल्कि थियेटर जगत की शान थीं। उनकी उपस्थिति से स्टेज पर ऊर्जा का संचार हो जाता था, दर्शक झूम उठते थे, और मंच पर “बिजली गिरने” जैसी स्थिति बन जाती थी लेकिन बिजली रानी के निधन से आज वहां अंधेरा कायम है।
बीमारी से जूझीं, पवन सिंह ने बढ़ाया हाथ
बीते कुछ वर्षों से बिजली रानी की सेहत लगातार बिगड़ रही थी। वे किडनी फेलियर की गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं और इलाज के लिए उन्हें कई बार अस्पताल और घर के बीच सफर करना पड़ता था। जून 2025 में भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने उनके इलाज की जिम्मेदारी अपने हाथों में ली थी। वे उन्हें लखनऊ ले गए और करीब दो महीने तक उनका उपचार कराया। पवन सिंह उन्हें अपनी “चाची” मानते थे और सोशल मीडिया पर उनकी मदद की तस्वीरें भी खूब वायरल हुई थीं।
अंतिम पड़ाव और श्रद्धांजलि

काफी समय तक बीमारी से संघर्ष करने के बाद शुक्रवार की शाम बिजली रानी ने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर सुनते ही भोजपुरी कलाकारों और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि संदेशों की बाढ़ ला दी। कई लोगों ने लिखा -“भोजपुरी की थियेटर क्वीन अब सदा के लिए मंच को सूना कर गईं, लेकिन उनके चाहते फेन्स का कहना है की भोजपुर के मंच की बिजली हमेशा इस नाम से इस मंच और भोजपुर के समूचे संगीत जगत को रोशन रखेगी,उनकी आवाज यहां हमेशा गूंजती रहेगी।”
निष्कर्ष – भोजपुरी लोक संगीत में बिजली रानी का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने उस दौर में महिलाओं के लिए मंच पर पहचान बनाई, जब यह आसान नहीं था। उनकी आवाज, उनका डांस, और उनका जोश आज भी भोजपुरी संस्कृति की पहचान है। वो चली गईं, लेकिन उनके गानों की “बिजली” आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।
