Bihar Politics: विरोध के बहाव में भी अपनी नैया खे जाएंगे नितीश कुमार? जाने पांच मुख्य बात!

Bihar Politics

Nitish Kumar News, Bihar Politics Latest News: बिहार की राजनीती में फिर से सत्ता पलट चुकी है. एक बार फिर से सब कुछ बदल गया है. विपक्ष बदल गया है, कुछ चेहरे बदल गए हैं तो कुछ कैबिनेट मंत्री भी. ऐसे में, हर बार की तरह इस बार भी कुछ नहीं बदला है तो वो है मुख्यमंत्री का चेहरा। नितीश कुमार वैसे के वैसे ही सत्ता की कुर्शी पर कुंडली मार कर बैठे हुए हैं. 20 सालों में 9 बार मुख्यमंत्री का शपथ ले चुके हैं. कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि अबतक तो सुशासन बाबू को पूरा शपथ पत्र कंठस्थ हो गया होगा। 

बहरहाल, राजद का हाथ छोड़ दुबारा भाजपा का हाथ थामने के बाद से ही बिहार के गलियों-गलियों में कोशी से निकले पानी की तरह ये खबर नाच रही है कि आखिर इस निर्णय से किसको कितना फायदा-नाफ़ा होने वाला है. हमारे पिछले आर्टिकल में हम यह बता चुके हैं कि RJD का हाथ छोड़ BJP का दमन थामने से नितीश कुमार को किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा या इससे तेजस्वी यादव को क्या लाभ मिल सकता है? इसके लिए आप हमारा यह आर्टिकल यहाँ क्लिक कर पढ़ सकते हैं- नितीश कुमार के जाने से तेजस्वी को क्या फायदा होगा?

रीवा की धरती से आने वाले प्रख्यात राजनेता श्रीनिवास तिवारी ने कभी कहा था कि राजनीति के खेल में ना कोई दुश्मन होता है और ना ही कोई दोस्त, सब समय के अनुसार आपके काम ही आते हैं. बिहार की राजनीति भी आज इसी की गवाही दे रही है. लोकसभा का चुनाव जैसे करीब आता दिखा, साथियों का परिवर्तन हो गया. अब राजनीति में चली हुई कोई भी चाल युहीं तो चली नहीं जाती। ऐसे में आइए जानते हैं सुशाशन बाबू का यह चाल उन्हें कितना फायदा पहुंचाने वाला है-

यहां हम पांच बातों पर ध्यान देंगे- 

  • राम मंदिर बनने की वजह से हर ओर भाजपा की वाह-वाही हो रही है. जनता में एक अलग प्रकार का उत्साह दिख रहा है. सनातन को मानने वाले, चाहें वो जिस भी जाती के हों सब राम मंदिर के बनने से खुश हैं. यह साफ़ दिख रहा है कि इस लोकसभा चुनाव में राम मंदिर की वजह से पूरा फायदा बीजेपी को मिलेगा। ऐसे में महागठबंधन के बजाय NDA गठबंधन में रहने से जेडीयू को लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें मिल सकती हैं. 
  • बात केवल लोकसभा चुनाव तक की नहीं है, मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आगामी विधानसभा चुनाव में भी इस गठबंधन से नितीश को लाभ मिल सकता है. क्योकि चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा दोनों ही NDA गठबंधन का हिस्सा हैं. ऐसे में भाजपा भरसक प्रयास करेगी कि इन दोनों को काम सीटों पर चुनाव में उतारा जाए. जिससे सीधा लाभ गठबंधन को और जेडीयू को मिलेगा. 
  • बिहार में अगर कुछ साल पीछे जाए तो देखने को मिलता है कि उपेंद्र कुशवाहा (जो कि जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुआ करते थे) जो अब RLJD यानी राष्ट्रीय लोक जनता दल के नेतृत्वकर्ता हैं. नितीश और मोदी के एक साथ आने से अपनी पुरानी पार्टी में यानी जनता दल यूनाइटेड में वापिस आ सकते हैं. जिससे की विधानसभा और लोक सभा दोनों में ही नितीश को सीधा लाभ मिल सकता है. 
  • 2019 के विधान सभा चुनाव में सभी पार्टियों के मेनिफेस्टो में नौकरी देने का वादा शीर्ष पर था. चुनाव जीतने के बाद भाजपा का हाथ छोड़ जब नितीश ने तेजस्वी के साथ सरकार बनाया तो BPSC के थ्रू करीब 2 लाख लोगो को नौकरी दी भी गई. अब अलग होने के बाद दोनों दल इसका श्रेय स्वयं को देने में तुले हैं. चूकी नितीश मुख्यमंत्री रहने के दौरान ही यह नौकरी दी गई. इसलिए इनकी पार्टी द्वारा इसका खूब प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है. लिहाजन यहाँ से भी इन्हे कुछ फायदा मिलने का चांस है. 
  • अब चुकी राज्य और केंद्र दोनों जगहों पर बीजेपी की पार्टी सत्ता में है. इसलिए राज्य में लटकी तमाम परियोजनाओं को केंद्र द्वारा तुरंत हरी झंडी दे दी जाएगी। जिसका लाभ दोनों ही दलों को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से मिलना तय है. 

Visit Our Youtube channel: Shabd Sanchi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *