Bihar Politics NDA : बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 अभी आया भी नहीं कि एनडीए के द्वार पर पद मांगने वालों की लाइन खड़ी हो गई है। बिहार में एनडीए के साथ गठबंधन करने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने भी चुनाव के लिए अपनी मांग गिना दी है। सुभाष का प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने बिहार उपचुनाव में एनडीए के कहने पर जिन दो सीटों पर अपने उम्मीदवार वापस लिए थे अब उसके बदले आयोग में दो बड़े पद मांग लिए हैं। इसके अलावा भी सुभासपा आगे और 29 सीटों की मांग कर सकती है।
सुभासपा ने NDA से मांगे दो बड़े पद
बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhan Sabha Election) से पहले ही सीटों की आपधापी शुरू हो गई है। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए दाल विधानसभा चुनाव लड़ेगा। जिसमें भाजपा के साथ नीतीश कुमार की जेडीयू, चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) और ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा पर भी शामिल है। भाजपा ने जब नीतीश कुमार को एनडीए दल का मुख्यमंत्री उम्मीदवार चुन लिया है इसके बाद ओमप्रकाश राजभर ने भी अपनी मांगे स्पष्ट कर दी हैं। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभाष पांडे एनडीए से आयोग में दो बड़े पद मांग लिए हैं।
उपचुनाव में सुभासपा ने छोड़ी थी दो सीटें | Rajbhar demand From NDA
दरअसल ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने एनडीए से आयोग में यह दो बड़े पद बिहार उपचुनाव में दो सीटें छोड़ने के बदले में मांगी है। दरअसल बिहार के उपचुनाव में सुभासपा पांडे एनडीए के समर्थन की वजह से अंतिम समय पर दो सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा था। इन दोनों ही सीटों पर सुभासपा का ने एनडीए दल को अपना समर्थन दिया था।. अब सुभासपा का का कहना है कि पिछले बिहार उपचुनाव में पार्टी ने जो कुर्बानी दी थी उसके बदले एनडीए उनकी यह दो मांगे पूरी करें।
110 पिछड़ा बहुल सीटों पर सुभासपा की नजर
बता दे बिहार में ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar)की नजर 110 पिछड़ा बहुत सीटों के जातिगत आंकड़े पर जमी हुई है। राज्य में कल 29 सिम ऐसी हैं जिसमें पिछड़े समाज के मतदाता आते हैं। ऐसे में सुभासपा एनडीए से इन सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर सकती है। ओमप्रकाश राजभर ने बिहार में 110 सीटों के जातिगत आंकड़े तैयार कर लिए हैं। इन सीटों में पिछड़े समाज के राजभर, रजवार, राजवंशी और राय की संख्या अधिक है।
आगे रणनीति तय करेंगे अरुण राजभर | Bihar politics
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने कहा, “बिहार उपचुनाव की दो सीटों से अपने प्रत्याशी के नाम वापस लेने के बदले आयोग में दो पद समायोजित करने को लेकर एनडीए के साथ सहमति बनी थी। हमने आयोग में दो पदों पर सुभासपा के कार्यकर्ताओं को मनाेनीत करने की मांग की है। साथ ही बिहार की पिछड़ा बहुल 110 सीटों के आंकड़े के आधार पर हम अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे।”
NDA में दलों का बढ़ रहा दबाव
अब बिहार की राजनीति में एनडीए दलों के बीच ही नया सियासी युद्ध चढ़ गया है। ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभाष का की यह मांग एनडीए के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है। भाजपा की हालत अब कुछ ऐसी है कि अगर सुभासपा का की मांग को मान लिया जाता है तो अन्य दल नाराज हो जाएंगे और अगर नहीं माने तो ओमप्रकाश राजभर बिदक कर विरोधी खेमे में शामिल हो जाएंगे। जिससे एनडीए के दूसरे दलों में टेंशन साफ दिखाई दे रही है। बता दे इंडिया का हर एक दल चुनाव में अपनी बड़ी हिस्सेदारी के लिए दबाव बना रहा है। जिसे एनडीए महागठबंधन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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