Bihar Politics : बिहार एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के एक महीने बाद ही बिहार की राजनीति में फिर से हलचल मच गई। जेडीयू ने दावा किया है कि महागठबंधन में फूट पड़ गई है। चुनाव में करारी हार के बाद विपक्ष के 18 विधायक एनडीए में शामिल होने वाले हैं। इसके बाद महागठबंधन में हड़कंप मच गया है।
महागठबंधन के 18 विधायक NDA में होंगे शामिल
बिहार में महागठबंधन में बगावत होने का संकेत मिल रहा है। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया कि महागठबंधन के 17-18 विधायक उनकी पार्टी से संपर्क में हैं। उनका कहना है कि ये विधायक खुद पहल कर रहे हैं और बस समय का इंतज़ार है। नीरज कुमार की यह बात विपक्ष के बीच खलबली मचा रही है, क्योंकि वह विपक्ष के अंदर चल रही खींचतान का जिक्र कर रहे हैं।
लालू यादव के परिवार में फूट के संकेत
बिहार में भाजपा नेता और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ऐसा बयान दिया कि महागठबंधन की अंदरूनी कमजोरियों का अंदाजा हो गया। उन्होंने कहा कि लालू यादव के परिवार में जो बग़ावत हुई है, वह आने वाले खतरे का संकेत है। पार्टी के अंदर का असंतोष अब दबने वाला नहीं है, वह जल्द ही बाहर आ जाएगा। इस बात का मतलब साफ था कि यह बयान राजद की अंदरूनी राजनीति पर सीधा हमला है।
क्या तेजस्वी ने हार के बाद पीछे किए कदम?
वहीं, लालू यादव के करीबी शिवानंद तिवारी ने सोशल मीडिया पर तेजस्वी यादव को शादी की सालगिरह की शुभकामनाएं दीं, लेकिन साथ ही उनके नेतृत्व पर सवाल भी खड़े कर दिए। तिवारी की बातों से साफ लगता है कि हार के बाद तेजस्वी ने पार्टी में कदम पीछे हटा लिए हैं। यह टिप्पणी राजद के अंदर चल रही असंतोष का संकेत भी है।
राजद प्रवक्ता ने कहा- ये भाजपा की झूठी कहानी है
राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने इन सभी दावों को झूठा और सियासी खेल बताया। उनका कहना है कि जदयू और भाजपा अपनी ही आपसी लड़ाई को छुपाने के लिए महागठबंधन पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन के विधायक अपने मुद्दों, रोजगार, पलायन और महंगाई को लेकर चुने गए हैं, उन्हें खरीद-फरोख्त से नहीं तोड़ा जा सकता।
महागठबंधन में फूट का सवाल नहीं – राजद
राजद प्रवक्ता ने कहा कि महागठबंधन की तरफ से साफ संदेश है कि हमारी ताकत मजबूत है, टूटने का सवाल ही नहीं है। जदयू का दावा सिर्फ राजनीतिक धुआं-धुआं है। कुल मिलाकर, बिहार की राजनीति में इन दिनों खूब बयानबाजी हो रही है, हर कोई दूसरे पर तीर चला रहा है, और जनता बस तमाशा देख रही है कि आखिर आगे क्या होता है। आने वाले दिनों में असली भूचाल किस ओर से आता है, यह तो वक्त ही बताएगा।
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