Bihar Kato Devi Murder : अंधविश्वास के नाम पर आदिवासी बहुल गांव टेटगामा में एक बहुत ही दुखद घटना हुई है। यहाँ एक वृद्ध महिला को ग्रामीणों ने डायन बताकर उसके घर के पांच सदस्यों को जिंदा जला दिया। इस पूरे हत्याकांड की पोल उसी परिवार के एकलौते जिंदा बचे काटो देवी के पोते ने बताई। पुलिस ने ग्रामीणों पर कार्रवाई शुरू कर दी है, जिसके गांव में सन्नाटा पसरा है और ग्रामीण घरों में ताला डालकर भाग निकले हैं।
डायन के शक में 5 लोगों को जिंदा जलाया
बिहार में 70 साल की वृद्धा कातो देवी को डायन बताकर गांव के लोग अचानक उसके घर पर हमला कर दिए। इस हमले में महिला के साथ-साथ उसके परिवार के पांच लोग भी घर से उठा लिए गए। इन पांचों को बाद में मारपीट कर जिंदा जला दिया गया। घटना के कुछ ही देर बाद, गांव से एक किलोमीटर दूर जेसीबी की मदद से उनके शवों को जमीन में गाड़ने की कोशिश भी की गई, ताकि सबूत मिटाए जा सकें। यह पूरा मामला रविवार की रात का है।
काटो देवी का एक पोता जिंदा बचा
इस घटना में मृतक महिला कातो देवी के अलावा उसके बेटे बाबूलाल उरांव, उसकी पत्नी सीता देवी, बाबूलाल का बेटा मनजीत कुमार और उसकी बहू रानी देवी शामिल हैं। इन सभी की ही जली हुई लाशें मिली हैं। वहीं, बाबूलाल का दूसरा बेटा सोनू कुमार रात में घर से भाग निकला था, और वह अभी पुलिस को घटना की जानकारी दे रहा है।
पुलिस ने बरामद किये पांचो शव
बता दें कि इस घटना के बाद पुलिस ने मौके से शव बरामद किए हैं, जिसमें श्वान (कुत्तों) की मदद ली गई। पुलिस ने सभी शवों का पोस्टमार्टम करवा दिया है। इस केस में नकुल उरांव नाम के ओझा और एक ट्रैक्टर चालक को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, गांव में एक बच्चे की तबीयत बहुत खराब हो गई थी, और गांव वालों को शक था कि वृद्धा कातो देवी ही डायन है। उनके अनुसार, वृद्धा ने ही उस बच्चे को बीमार कर दिया था। इसी बात को लेकर गांव में हंगामा हुआ।
घरों में ताले डालकर गायब हैं गांव वाले
ग्रामस्तानों ने मिलकर वृद्धा के घर पर धावा बोला और उन्हें साथ ले गए। फिर उनके साथ मारपीट कर जिंदा जला दिया। घटना के बाद से सारे गांव के लोग गायब हैं। घरों में ताले लगे हैं। पुलिस आसपास के इलाकों और रिश्तेदारों के घर आरोपितों की तलाश कर रही है।
पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे तेज़ी से कार्रवाई कर रही है, ताकि आरोपियों को जल्दी सजा मिल सके।
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