बिहार सरकार ने राज्य के लोगों को बड़ी राहत देते हुए हर परिवार को प्रतिमाह 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को इस योजना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को बिजली बिल से राहत देना है। यह योजना 1 अगस्त 2025 से लागू होगी और इसके लिए बिहार सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
योजना का विवरणलाभार्थी
बिहार के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ता, चाहे वे ग्रामीण हों या शहरी। अनुमान के मुताबिक, इससे 2.5 करोड़ से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे।
मुफ्त बिजली की सीमा: हर परिवार को प्रति माह 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। इससे अधिक खपत पर सामान्य दर से बिल देना होगा।
लागू होने की तारीख: यह योजना 1 अगस्त 2025 से शुरू होगी और बिजली बिल में स्वतः छूट लागू हो जाएगी।
लक्ष्य: बिजली की खपत को बढ़ावा देना, गरीब परिवारों को आर्थिक राहत देना, और बिजली चोरी को कम करना।
नीतीश कुमार का बयान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारी सरकार बिहार के हर परिवार को सस्ती और सुलभ बिजली देना चाहती है। 125 यूनिट मुफ्त बिजली से गरीब परिवारों को बड़ा लाभ होगा, और यह उनकी जिंदगी को आसान बनाएगा।” उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार में पिछले एक दशक में बिजली आपूर्ति में अभूतपूर्व सुधार हुआ है, और अब 24 घंटे बिजली उपलब्ध है।बजट और लागतबिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि इस योजना के लिए 3,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
यह राशि बिजली वितरण कंपनियों (नॉर्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी) को सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को कोई अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी; यह छूट स्वचालित रूप से उनके बिल में लागू होगी।जनता की प्रतिक्रियापटना और अन्य शहरों में लोगों ने इस योजना का स्वागत किया है। एक स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने कहा, “125 यूनिट मुफ्त बिजली से हमारा मासिक खर्च 500-600 रुपये कम हो जाएगा। यह गरीबों के लिए बहुत बड़ी राहत है।” हालांकि, कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया कि क्या यह योजना बिहार में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता को और बेहतर कर पाएगी।
एक यूजर ने लिखा, “मुफ्त बिजली अच्छी बात है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती की समस्या को भी हल करना चाहिए।”विपक्ष का हमलाविपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने इस योजना को “चुनावी जुमला” करार देते हुए कहा कि बिहार में बिजली की दरें पहले ही देश में सबसे महंगी हैं।
उन्होंने मांग की कि सरकार 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दे और बिजली दरों को कम करे। कांग्रेस ने भी इस योजना को आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़कर इसे “वोट बैंक की राजनीति” बताया।बिहार में बिजली की स्थितिबिहार में पिछले कुछ वर्षों में बिजली आपूर्ति में सुधार हुआ है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कई जगहों पर बिजली कटौती की शिकायतें हैं। सरकार का दावा है कि इस योजना से बिजली की खपत बढ़ेगी और बिजली चोरी पर भी लगाम लगेगी। 2024 में बिहार की प्रति व्यक्ति बिजली खपत 350 यूनिट थी, जो राष्ट्रीय औसत 1,200 यूनिट से काफी कम है। इस योजना से खपत बढ़ने की उम्मीद है।