Bihar Election 2025 : बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और नाम वापसी के बाद अब उम्मीदवारों की तस्वीर स्पष्ट हो गई है। सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार पर केंद्रित हो गए हैं। इस बार सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अपने बड़े चेहरों को मैदान में उतारा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार के मैदान में उतर चुके हैं।
पीएम मोदी ने कर्पूरी ग्राम से शुरू किया प्रचार अभियान
आज, शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम से बिहार चुनाव का प्रचार अभियान शुरू किया। उन्होंने कर्पूरी ठाकुर की स्मृति स्थल पर फूलमाला चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी, जो NDA की ओर से उनकी विरासत को सम्मानित करने का संकेत है। यह विपक्ष (महागठबंधन) पर निशाना साधने का भी एक तरीका है। मोदी ने कहा कि विपक्ष कर्पूरी ठाकुर की विरासत ‘चुराने’ का प्रयास कर रहा है।
पीएम मोदी ने कर्पूरी गांव ही क्यों चुना?
कर्पूरी गाँव भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर का जन्मस्थान है। 1970 के दशक में बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके कर्पूरी ठाकुर को इसी वर्ष नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली NDA सरकार द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। पीएम मोदी का कर्पूरी ग्राम से चुनाव प्रचार की शुरुआत करना राजनीतिक रणनीति एजेंडा माना जा रहा है। बिहार की जनसंख्या में अत्यंत पिछड़े वर्ग (EBC) करीब 30-35% हैं, जो 100 से अधिक जातियों का समूह है। कर्पूरी ठाकुर इन्हीं वर्गों के सबसे बड़े प्रतीक हैं। NDA इस वोट बैंक को मजबूत बनाने के लिए खुद को उनके असली वारिस के रूप में प्रस्तुत कर रहा है, विशेषकर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जेडीयू के साथ गठबंधन में।
EBC वोट बैंक के लिए महागठबंधन भी लगा रहा दौड़
वहीं, महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, वाम दल, VIP सहित अन्य छोटे दल) भी EBC वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए रणनीति अपना रहा है। वह मुकेश सहनी की VIP को गठबंधन में शामिल कर उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद दिलाने का प्रयास कर रहा है, ताकि निषाद-मल्लाह समुदाय को भी अपने पक्ष में किया जा सके।
दिल्ली से सेट किया बिहार चुनाव का एजेंडा
पीएम मोदी ने समस्तीपुर के बाद बेगूसराय में भी चुनावी रैली को संबोधित किया। बिहार के चुनावी माहौल में मोदी किन मुद्दों को लेकर विपक्ष पर हमला किया, यह भी चर्चा का विषय रहा। बिहार रवाना होने से पहले ही पीएम मोदी ने गुरुवार को दिल्ली से बिहार चुनाव का एजेंडा सेट कर लिया था। उन्होंने वर्चुअली ‘बुजुर्गों से संवाद’ और ‘रन फॉर बिहार यूनिटी’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से विकास, विरासत और एकता पर अपने अभियान का मूड तय किया।
पीएम मोदी ने RJD के जंगलराज की याद दिलाई
पीएम मोदी ने आरजेडी के 15 साल के शासन को निशाने पर लिया, यह संकेत देते हुए कि उनका उद्देश्य महागठबंधन की रणनीति को कमजोर करना है। मोदी ने कहा कि बिहार में जंगलराज को लोग अगले 100 साल तक नहीं भूलेंगे, और विपक्ष की कोशिशें चाहे जैसी भी हों, जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे बूथ पर युवा मतदाता जुटाएं और बुजुर्गों को बुलाकर जंगलराज की कहानियां सुनाएं। पूर्वी चंपारण में 15 सितंबर को दिए भाषण में मोदी ने आरजेडी पर अपराध, भ्रष्टाचार और परिवारवाद का आरोप लगाया।
पीएम मोदी ने कहा- बिहार अब जंगलराज की तरफ नहीं जाएगा
पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष ने बिहार को लूटा है, जबकि NDA की सरकार ने इसे संवारने का काम किया। तेजस्वी और लालू यादव पर हमला करते प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब बिहार वापस से जंगलराज की तरफ जाने वाला नहीं है। यह साल 2005 का अक्टूबर महीना ही था, जब बिहार ने जंगलराज से मुक्ति पाई थी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन शुरू हुआ था। 10 साल कांग्रेस-राजद केंद्र सरकार में थी, तब कई रोड़े अटकाए। यहां कोई काम नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को मुश्किल से निकाला। अब बिहार नये दौर में है। कोई कोना नहीं जहां विकास का काम नहीं हो रहा, कहीं जाएं, हर जगह विकास का काम हो रहा है। बिजली, पानी गैस सब पर काम हो रहा, ये समृद्धि का काम है। इससे सबको रोजगार का मौका मिलता है।
पीएम मोदी ने कहा- एनडीए मतलब विकास की गारंटी
मोदी ने जनसभा में कहा कि 11 साल में हमने देखा है। एक-एक राज्य में जनता ने एनडीए को मौका दिया है। अभी महाराष्ट्र में देखिए पहले से कहीं अधिक जनादेश देकर एनडीए की सरकार बनाई। हरियाणा में देखा, पहले से अधिक सीट मिली। यही गुजरात में दिखा, उत्तराखंड में दिखा, फिर से बहुमत मिला। गुजरात के सारे रिकार्ड टूट गए। यूपी और उत्तराखंड में फिर से मौका मिला। ये उदाहरण बताते हैं कि एनडीए मतलब विकास की गारंटी। आपका उत्साह देखकर लग रहा कि बिहार में नीतीश बाबू के नेतृत्व एनडीए जीत के सारे रिकार्ड तोड़ देगी।

 
		 
		 
		