Land for Job Case : बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें अब घोषित हो चुकी हैं। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटे व विधानसभा के विपक्ष नेता तेजस्वी यादव के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। आज लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ दो मामलों में आरोप तय करने के लिए अदालत में सुनवाई चल रही है।
लालू, राबड़ी और तेजस्वी यादव पर आरोप तय
सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आईआरसीटीसी घोटाले के मामले में लालू यादव के परिवार के खिलाफ आरोप तय करने का फैसला सुना दिया है। यह फैसला तब आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव पास हैं, जिससे आरजेडी की सियासत पर असर पड़ेगा। कोर्ट के इस कदम से इन नेताओं को अब कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा, जिसका असर बिहार की राजनीति और चुनावी माहौल पर दिख सकता है।
क्या है लैंड फॉर जॉब केस?
इस मामले का जुड़ाव लालू यादव के रेल मंत्री रहने के समय से है। सीबीआई का कहना है कि लालू यादव ने रेलवे में ग्रुप ‘डी’ की नौकरी देने के बदले में लोगों से सीधे या छुपकर पटना में कीमती जमीनें ली थीं। सीबीआई की अदालत ने पाया कि लालू यादव ने टेंडर प्रक्रिया में दखल दिया और इसमें बदलाव कराया। जज विशाल गोगने ने 25 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रखा था, और आज इसमें भी आरोप तय कर दिए गए हैं।
IRCTC Scam से जुड़ा है मामला
दरअसल, लैंड फॉर जॉब मामला भी लालू यादव के रेल मंत्री रहने के समय से जुड़ा है। सीबीआई का आरोप है कि लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों ने रांची और पुरी के बीएनआर होटल का ठेका देने में भ्रष्टाचार किया। इसमें कहा गया कि टेंडर में हेरफेर करके ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया, और बदले में लालू परिवार को पटना में जमीन मिली। इस मामले में भी लालू, तेजस्वी और अन्य आरोपियों पर धोखाधड़ी, साजिश और भ्रष्टाचार का आरोप है, और आज कोर्ट इसमें भी फैसला सुनाएगी।
बिहार चुनाव में राजद को होगा नुकसान?
बिहार चुनाव में लैंड फॉर जॉब केस से राजद को नुकसान हो सकता है। इस मामले में आरोप तय होने से पार्टी के नेता और परिवार पर भ्रष्टाचार का दाग लगेगा, जिससे जनता का भरोसा कम हो सकता है। खासकर ये मामला तब उठा है जब चुनाव की तारीख नजदीक हैं, ऐसे में लालू यादव और तेजस्वी यादव के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगने से सत्ता पक्ष को फायदा पहुँच सकता है।