Bihar Caste Census Data 2023: नितीश सरकार ने बिहार जातिगत जनगणना 2023 के आंकड़े जारी कर दिए हैं. राज्य में किस जाति के कितने लोग रहते हैं ये पता चल गया.
बिहार में जातिगत जनसंख्या 2023: बिहार सरकार ने राज्य में हुई जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं. बिहार सीएम नितीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़कर अपने राज्य में जातिगत जनगणना करवाई है. अब बिहार में किस धर्म और वर्ग के कितने प्रतिशत लोग रहते हैं, पता चल गया है.
बिहार जातिगत जनगणना 2023
बिहार में जातीय जनगणना का काम नितीश सरकार ने पूरा कर लिया है. सोमवार 2 अक्टूबर को मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारीयों ने इसकी रिपोर्ट जारी कर दी है. इस जाति आधारित जनगणना के हिसाब से बिहार में 13 करोड़ लोगों को आबादी है. बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए कास्ट सेंसस के अनुसार राज्य में 36% अत्यंत पिछड़ा वर्ग, 27% पिछड़ा वर्ग, 19% अनुसूचित जाति और 1.68% अनुसूचित जनजाति की जनसँख्या बताई गई है. बिहार की आबादी 2023, 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है.
बिहार में किस जाति के कितने लोग रहते हैं?
- बिहार में ब्राह्मणों की आबादी: 3.66%
- बिहार में क्षत्रीय आबादी: 3.45%
- बिहार में कुर्मी आबादी: 2.87%
- बिहार में मुसहर आबादी: 3%
- बिहार में भूमिहार आबादी: 2.86%
बिहार में किस धर्म के कितने लोग रहते हैं?
- बिहार में हिन्दू आबादी 2023: 10,71,92,958 यानी कुल जनसंख्या का 81.99%
- बिहार में मुस्लिम आबादी 2023: 2,31,49,925 यानी 17.70%
- बिहार में ईसाई आबादी: 75,238
- बिहार में सिख आबादी: 14,753
- बिहार में बौद्ध आबादी: 1,11,201
- बिहार में जैन आबादी: 12,523
- राज्य में अन्य धर्मों को मानाने वालों की आबादी 1,66,566 है और बिना धर्म वालों की आबादी 2,146 है.
नितीश कुमार ने जताई ख़ुशी
बिहार जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद नितीश कुमार ने ख़ुशी जाहिर की है. क्योंकि अब बिहार में जातिवाद की राजनीति करने में और भी आसानी होगी। नितीश कुमार ने X में पोस्ट करते हुए लिखा-
आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई ! जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा।