Bihar Assembly Elections : बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख की अभी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक दलों ने चुनाव के वादों का एलान कर दिया है। बुधवार को महागठबंधन ने अपने पहले भाग का घोषणा पत्र जारी किया है। इसे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने पटना में पेश किया। इसमें महागठबंधन ने पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए कई वादे किए हैं। आइये जानते हैं कि राहुल गाँधी और तेजस्वी यादव की जोड़ी ने मेनिफेस्टो में बिहार की जनता के लिए क्या घोषणाएं की हैं
महागठबंधन ने लॉन्च किया मेनिफेस्टो
बुधवार को पटना में कांग्रेस नेता राहुल गाँधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के पहले हिस्से का घोषणा पत्र लॉन्च किया है। इसमें महागठबंधन ने पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए कई वादे किए हैं। इसे अति पिछड़ा न्याय संकल्प नाम दिया गया है। इसमें पंचायत और नगर निकाय में ईबीसी को 30 प्रतिशत आरक्षण देने और एससी-एसटी जैसे वर्गों पर अत्याचार को रोकने के लिए कानून बनाने का वादा किया गया है।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
लोकसभा में अपने भाषण में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश में पिछड़े वर्ग, आदिवासी, ओबीसी और दलितों को वह भागीदारी नहीं मिलती जैसी उन्हें चाहिए। उन्होंने कहा कि हम पिछड़े वर्ग को एक नई सोच देना चाहते हैं। नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि वे 20 साल से बिहार की सरकार में हैं, फिर भी उन्होंने हमारे वादे पूरे क्यों नहीं किए।
‘न्याय संकल्प पत्र’ के 10 वादे
- एससी-एसटी जैसे कानून की तरह ही पिछड़ों के खिलाफ भी कानून बनाया जाएगा।
- पंचायत और नगर में पिछड़ों का आरक्षण 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जाएगा।
- आबादी के हिसाब से आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने के लिए कानून लाया जाएगा।
- ‘कोई योग्य नहीं मिला’ जैसी व्यवस्था को अवैध घोषित किया जाएगा।
- शहरी और देहात के जमीन वाले घरों को जमीन दी जाएगी।
- प्राइवेट स्कूलों में नामांकन के लिए आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा पिछड़ों को मिलेगा।
- सरकारी ठेके और सप्लाई के टेंडर में पिछड़ों को 50 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
- सभी निजी स्कूलों में भी आरक्षण लागू किया जाएगा।
- आरक्षण की देखरेख के लिए एक नई संस्था बनाई जाएगी।
- जातियों की लिस्ट में बदलाव सिर्फ संसद से ही हो सकेगा।
आरक्षण चोर है भाजपा – तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछली सरकार ने आरक्षण की सीमा को 70 प्रतिशत तक बढ़ाया था। तमिलनाडु जैसी जगहों को देखते हुए इसे 9वीं अनुसूची में डालने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन मना कर दिया गया। उन्होंने बीजेपी को “आरक्षण चोर” कहा।
तेजस्वी ने कहा कि सरकार ने पहले कर्पूरी ठाकुर को गालियां दीं, जिन्होंने सबसे पहले इस वर्ग को आरक्षण दिया था। पटना में महागठबंधन के कार्यक्रम में 100 से ज्यादा पिछड़े नेताओं ने भाग लिया। मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकेश सहनी और अन्य नेता भी मौजूद थे।
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