MP Free Bijli Yojana | Madhya Pradesh | मध्यप्रदेश अटल कृषि ज्योति योजना | MP Power Distribution | आप एक किसान हैं, और सरकार आपको सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देनी वाली है। यह सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन क्या होगा अगर आपका नाम सरकार को धोखा देने के लिए इस्तेमाल हो रहा हो, और आपको बिजली भी नहीं मिल रही? मध्य प्रदेश में फ्री बिजली के नाम पर ऐसे कई मामले उजागर हुए हैं.
आरोप लग रहे हैं कि सरकार की फ्री बिजली योजना के नाम पर करोड़ों का घोटाला हो रहा है, किसानों की आड़ में सब्सिडी का पैसा कोई और ही खा रहा है. सवाल ये है कि आखिर क्यों फर्जी कनेक्शनों का जाल बिछाया गया? मुफ्त बिजली के नाम पर करोड़ों का घोटाला कैसे हुआ? मृत किसानों के नाम पर फर्जी कनेक्शन, सरकारी सब्सिडी की लूट कैसे हो रही है? मध्यप्रदेश में अटल कृषि ज्योति योजना का सच कुछ ऐसा ही है जहां बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों ने बिजली चोरी छिपाने के लिए एससी-एसटी किसानों का सपना बेच दिया।
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सरकार ने एससी-एसटी किसानों को राहत देने के लिए अटल कृषि ज्योति योजना चलाई। इसमें 1 हेक्टेयर तक ज़मीन वाले किसानों को 5 हॉर्सपावर के पंप के लिए फ्री बिजली देने की घोषणा की गई। इसके बदले बिजली वितरण कंपनियों को सरकार से सब्सिडी मिलती है। लेकिन असली कहानी यहीं से शुरू होती है! तस्वीर परफेक्ट लगती है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है! कई जगहों पर तो कनेक्शन मृत किसानों के नाम पर दिखाए गए हैं। कई गांवों में पंप लगे ही नहीं, लेकिन कागजों में नाम जोड़े गए। इससे हर महीने बिजली कंपनियां सरकार से 190 करोड़ रुपए की सब्सिडी ले रही हैं।
यह कैसे काम करता है? अधिकारी मृत लोगों और गांव में न रहने वालों के नाम पर फर्जी कनेक्शन जोड़ते हैं। वे दिखाते हैं कि इन किसानों के पास 5 हॉर्स पावर के पंप हैं, और कंपनी इन गैर-मौजूद कनेक्शनों के लिए सब्सिडी लेती है। सच में, इन कनेक्शनों के लिए कोई बिजली इस्तेमाल नहीं होती, लेकिन कंपनी फिर भी सब्सिडी पाती है। यह पैसा लाइनलॉस और बिजली चोरी छिपाने में इस्तेमाल होता है, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति बेहतर दिखती है। इस मामले पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सत्येंद्र जैन की प्रतिक्रिया आपको सुनवाते हैं.