Big revelation by family members in the death case of martyred head constable Prince Dubey of Satna: सतना के शहीद हेड कांस्टेबल प्रिंस दुबे की मौत मामले में परिजनों ने बड़ा खुलासा करते हुए रीवा के बहुचरर्चित निजी अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जहां उनका इलाज चल रहा था। परिजनों के मुताबिक गोली लगने से घायल हेड कास्टेबल के शरीर में फंसी गोली को जिस अस्पताल के डॉक्टरों ने शरीर के भीतर ना होना बताया था। उस गोली के छर्रे मौत के उपरांत दिल्ली में हुए पोस्टमार्टम के दौरान कॉलर बोन में धसे मिले हैं।
हेड कास्टेबल के परिजनों ने सीधे तौर पर रीवा के इस निजी अस्पताल प्रबंधन पर धोखाधड़ी और उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मौत का जिम्मेदार भी ठहराया है। परिजनों ने बुधवार को रीवा के कलेक्टेट कार्यालय पहुंचकर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। परिजनों ने इस दौरान अस्पताल प्रबंधन पर कारवाई की मांग करते हुए अस्पताल को बंद कराने की भी अपील की है। बतादें कि 29 अप्रैल की रात सतना के जैतवारा थाना परिसर में हुए गोलीकांड में घायल हुए हेड कांस्टेबल प्रिंस दुबे को संजय गांधी अस्पताल रीवा रेफर किया गया था। जहां देर रात विभाग के ही जिम्मेदारों की सलाह पर रीवा के ही प्राइवेट अस्पताल हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया।
जहां करीब एक सप्ताह तक उपचार चला। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर्स परिजनों को बार-बार यही आश्वासन देते रहे कि घायल पूरी तरह से ठीक है, लेकिन कुछ दिनों बाद घायल के शरीर सहित अंदरूनी हिस्सों ने काम करना बंद कर दिया और अस्पताल के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। जिसके बाद परिजन उसे एयरलिफ्ट की मदद से दिल्ली के मैक्स अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। दिल्ली मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने रीवा में किए गए उपचार को पूरी तरह गलत बताया। जिसके चलते उनकी मौत हो गई।