Pahalgam Terror Attack : पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बड़ी खबर, Central Home Ministry ने National Investigation Agency को सौंपी जांच

Pahalgam Terror Attack : पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच एनआईए को सौंप दी है। गृह मंत्रालय ने जांच की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। अब एनआईए केस दर्ज कर मामले की जांच करेगी। एनआईए स्थानीय पुलिस से पहलगाम हमले की जांच की केस डायरी और एफआईआर लेगी। इससे पहले एनआईए की टीम पहलगाम में पहले से ही मौजूद है। उसने घटनास्थल का मुआयना किया है। एनआईए के साथ उसकी फोरेंसिक टीम भी कश्मीर के पहलगाम में मौजूद है।

पहलगाम आतंकी हमला कब और कहां हुआ था? Pahalgam Terror Attack

यह आतंकी हमला 22 अप्रैल 2025 को दोपहर 2:45 से 3:00 बजे के बीच कश्मीर के पहलगाम में हुआ था। यह जगह अनंतनाग जिले के पहलगाम से 6-7 किलोमीटर दूर बैसरन घाटी में थी। इसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है। यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। जब पर्यटक घुड़सवारी कर रहे थे, भेलपुरी खा रहे थे, पिकनिक मना रहे थे या वादियों का लुत्फ़ उठा रहे थे, तभी आतंकवादी बैसरन घाटी में घुस आए। उनके पास AK-47, M4 कार्बाइन और दूसरे स्वचालित हथियार थे। कुछ आतंकवादियों ने बॉडी कैमरा पहना हुआ था।

आतंकवादियों ने पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछा। Pahalgam Terror Attack

इन आतंकवादियों ने सबसे पहले पर्यटकों से उनका नाम, धर्म और पहचान पत्र पूछा। कुछ को कलमा पढ़ने के लिए कहा गया। इसके बाद, लोगों को एक तरफ़ धकेल दिया गया और फायरिंग शुरू कर दी। कुछ पर्यटकों से उनकी पैंट उतारने के लिए कहा गया ताकि उनके धर्म की पुष्टि की जा सके। आतंकवादियों द्वारा किए गए इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े और पाकिस्तान से संचालित होने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।

सैफ़ुल्लाह खालिद है लश्कर-ए-तैयबा का मास्टरमाइंड

आपको बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद है। जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट से काम करता है। इसने एक महीने पहले ही हमले की चेतावनी दी थी। हमले के बाद आतंकी पहाड़ियों और जंगलों की ओर भाग गए। इस हमले के बाद कश्मीर में 1450 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें 250 ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) भी शामिल थे। इसी दौरान भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तान ने शिमला समझौते को रद्द कर दिया, जिससे तनाव चरम पर पहुंच गया।

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