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MP: भोपाल मेट्रो का काम सितंबर तक पूरा, अक्टूबर-नवंबर में शुरू हो सकती है सेवा

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Bhopal Metro News: अभी एम्स, अलकापुरी और डीआरएम तिराहा स्टेशनों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। खासतौर पर इनकी एंट्री और एग्जिट पर काम तेजी से चल रहा है। मेट्रो के एमडी एस. कृष्ण चैतन्य हर हफ्ते काम की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। अक्टूबर या नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो का उद्घाटन कर सकते हैं।

Bhopal Metro News: भोपाल मेट्रो के बचे हुए काम अब तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। सभी काम सितंबर तक खत्म करने की डेडलाइन तय की गई है। इसके बाद अक्टूबर या नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो का उद्घाटन कर सकते हैं। अभी एम्स, अलकापुरी और डीआरएम तिराहा स्टेशनों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। खासतौर पर इनकी एंट्री और एग्जिट पर काम तेजी से चल रहा है। मेट्रो के एमडी एस. कृष्ण चैतन्य हर हफ्ते काम की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मेट्रो डिपो और स्टेशनों का दौरा किया। डिपो में रैम्प, कंट्रोल रूम, ट्रेनिंग बिल्डिंग, टेस्ट ट्रैक और मेंटेनेंस बे जैसे हिस्सों का निरीक्षण किया गया और जल्दी काम पूरा करने के निर्देश दिए गए। अब पूरा फोकस इसी बात पर है कि तय समय में काम खत्म हो और भोपाल में मेट्रो सेवा शुरू हो सके।

ड्रेनेज सिस्टम पर विशेष ध्यान

एमडी एस. कृष्ण चैतन्य ने कॉन्ट्रैक्टर को निर्देश दिए हैं कि मेट्रो निर्माण स्थलों पर ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त रखें, ताकि बारिश के दौरान काम में रुकावट न आए। उन्होंने कहा कि जलभराव से बचने के लिए पहले से तैयारी की जाए।

कमर्शियल रन से पहले दो चरणों में होगी तकनीकी जांच

इंदौर में 31 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेट्रो का वर्चुअल उद्घाटन किया था। अब अगला फोकस भोपाल मेट्रो पर है। भोपाल मेट्रो के डिपो के अधूरे कामों के साथ-साथ एम्स, अलकापुरी और डीआरएम तिराहा स्टेशनों पर एंट्री-एग्जिट, सिविल वर्क, सिस्टम, रोलिंग स्टॉक, ट्रैफिक, सिग्नलिंग और आंतरिक-बाहरी निर्माण कार्य तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। इन्हें अगस्त-सितंबर तक हर हाल में पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद RDSO (रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन) की टीम भोपाल मेट्रो की तकनीकी जांच करेगी। इसके लिए सभी जरूरी दस्तावेज पहले ही जमा किए जा चुके हैं। RDSO की अनुमति के बाद CMRS (कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी) की टीम अंतिम निरीक्षण करेगी। ओके रिपोर्ट मिलने के बाद ही भोपाल मेट्रो में यात्रियों की आवाजाही शुरू हो सकेगी।

2018 में शुरू हुआ था काम

भोपाल में मेट्रो का पहला रूट एम्स से करोंद तक 16.15 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 6.22 किमी एम्स से सुभाष नगर के बीच का काम प्रायोरिटी कॉरिडोर के रूप में 2018 में शुरू हुआ। सुभाषनगर से आरकेम्पी स्टेशन तक काम पूरा हो गया है। इसके आगे अलकापुरी, एम्स और डीआरएम स्टेशन तक ट्रैक का काम हो चुका है और मेट्रो यहां तक पहुंच चुकी है।। दोनों स्टील ब्रिज की लोड टेस्टिंग भी पूरी हो चुकी है।

भोपाल में पूर्व सीएम ने किया था ट्रायल

3 अक्टूबर 2023 को भोपाल में पहली बार मेट्रो ट्रैक पर दौड़ी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाषनगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था। इसके बाद से लगातार टेस्टिंग हो रही है।। मेट्रो की अधिकतम स्पीफड 80 किमी प्रति घंटा से भी दौड़ चुकी है।। इतनी ही स्पी में कमर्शियल रन भी होगा। हालांकि, इससे पहले सुरक्षा के सभी पैमानों की जांच होगी, जिसे CMRS की टम देखेगी। यह टमे अगले कुछ महीनों में भोपाल आएगी।

भोपाल में इसलिए देरी

पिछले साल रेलवे ट्रैक और डीआरएम तिराहे पर दो स्टील ब्रिज लॉन्च किए गए थे।। मार्च में इनकी लोड टेस्टिंग भी हो चुकी है।। पहले सुभाषनगर से आरकेम्पी के बीच ही मेट्रो चलाने का प्लान था, लेकिन अब यह पूरे 6.22 किमी में दौड़ेगी।। चूंकि अभी स्टेशनों पर काम बाकी है, इसलिए इंदौर में पहले मेट्रो शुरू की गई। पिछले 6-8 महीनों से फोकस इंदौर पर था, जहां छोटे-बड़े कार्य जल्दी पूरे किए गए।।

6.22 किमी का प्रायोरिटी कॉरिडोर

भोपाल में मेट्रो का 6.22 किमी लंबा प्रायोरिटी कॉरिडोर है। अगले कुछ महीनों में कमर्शियल रन शुरू करने का प्लान है। इसके बाद मेट्रो स्टेशन में एंट्री पर आपको वैसी तस्वीर नजर आएगी, जैसी किसी एयरपोर्ट में होती है।। अंदर फूड प्लाजा और कुछ शॉप्स भी होंगी, जहां से आप खाने-पीने और जरूरी सामान खरीद सकेंगे।। इसके लिए मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने तैयारी शुरू कर दी है।। एक्सपर्ट्स के जरिए प्लान तैयार किया जा रहा है।। ऐसा ही प्लान इंदौर मेट्रो स्टेशनों के लिए भी बनाया जाएगा।।

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