Jabalpur: गुरुवार 18 जुलाई को मध्यप्रदेश टूरिज्म विभाग की एक कार्यशाला आयोजित की गई है. इसमें मध्यप्रदेश टूरिज्म विभाग जबलपुर के भेड़ाघाट और लम्हेटाघाट को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने पर जोर दिया गया है. इसके लिए टूरिज्म विभाग अपने प्रयास में जुटा हुआ है.
MP Sites in UNESCO World Heritage: मध्य प्रदेश के भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिये मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने अपने प्रयास में जुट गया हैं. नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट डोजियर की समीक्षा के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान ने गुरुवार 18 जुलाई को एक परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया. यह कार्यशाला एमपीटी पलाश रेजीडेंसी में आयोजित की गई. कार्यशाला में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव और टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला मौजूद रहे.
कार्यशाला के दौरान शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्य प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा स्थानों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की स्थायी सूची में शामिल कराने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं. मध्यप्रदेश पुरातात्विक, भूवैज्ञानिक और प्राकृतिक महत्व के स्थलों से समृद्ध है. उनका प्रचार करने और यूनेस्को की स्थायी सूची में शामिल करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव ने कहा कि हमें खुशी है कि यूनेस्को की अस्थायी सूची में 11 और स्थायी सूची में 3 स्थल हैं. अंतरराष्ट्रीय मंच पर मान्यता मिलने से और ज्यादा काम करने की प्रेरणा मिली है.
भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट का महत्व?
मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट की कई खूबियां हैं. नर्मदा घाटी में, खासकर जबलपुर के भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट क्षेत्र में, कई डायनासोर के जीवाश्म पाए गए हैं. जिसे प्राकृतिक श्रेणी में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है. मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा डब्ल्यूआईआई के सहयोग से भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट का नामांकन डोजियर तैयार करने की पहल की जा रही है.