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Bharatiya Janata Party का चुनाव चिन्ह कमल ही क्यों? जानें इसकी कहानी

Bharatiya Janata Party

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Bharatiya Janata Party: 1 जून 2024 को लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मदतान किया गया था। अब हर किसी की निगाह Election Results 2024 है। सभी को उम्मीद है कि एक बार फिर कमल सत्ता में आएगा और बात करें अभी की, तो बीजेपी इस वक्त 300 से ज्यादा सीटें जीतकर देश की सत्ता पर काबिज है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है इस पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल का फूल क्यों है? आखिर इस पार्टी ने कमल का फूल ही क्यों चुना? क्या इसके पीछे कोई खास वजह है? आइए आपको आज हम बीजेपी के चुनाव चिन्ह कमल की कहानी सुनाते हैं।

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बीजेपी की स्थापना कब हुई थी? (Bharatiya Janata Party Kab Bani)

6 अप्रैल 1980 ये वो तारीख है जब भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई थी। आज इस पार्टी को सत्ता में 40 साल पूरे हो गए हैं। एक समय था जब इस पार्टी ने केवल 2 सीटें जीती थी, लेकिन इस समय बीजेपी 300 से ज्यादा सीटें जीतकर देश की सत्ता पर काबिज है।

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बीजेपी की स्थापना किसने की थी? (Bharatiya Janata Party Kisne Banai)

बीजेपी की स्थापना स्वतंत्रता सेनानी श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में की थी। उस वक्त इस पार्टी को भारतीय जनसंघ के नाम से जाना-जाता था, लेकिन आगे चलकर यह बीजेपी पार्टी में तब्दील हो गई। उस समय पर भारतीय जनसंघ का चुनाव चिन्ह ‘दीपक’ हुआ करता था। 1977 में जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल खत्म करने की घोषणा की थी, तब एक बार फिर आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसके बाद जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया और फिर इसका चुनाव चिन्ह ‘दीपक’ से बदलकर ‘हलधर किसान’ हो गया।

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बीजेपी ने क्यों चुना ‘कमल’ चिन्ह? (Bharatiya Janata Party ka Chunav Chinh)

6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी के नाम से एक नए राजनीतिक दल की स्थापना की गई और अटल बिहारी वाजपेयी इसके पहले अध्यक्ष बने थे, जिसके बाद बाद पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल बनाया गया। अब आप सोच रहे होंगे कि ‘कमल’ ही क्यों? तो आपको बता दें कि कमल के फूल को हिंदू परंपरा से जोड़कर देखा जाता है। बीजेपी के संस्थापकों ने ‘कमल’ को चुनाव चिन्ह इसलिए बनाया था, क्योंकि इस चिन्ह को पहले भी ब्रिटिश शासन के खिलाफ इस्तेमाल किया गया था।

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