Site icon SHABD SANCHI

MP: पुलिस ट्रेनिंग में अब भगवद्गीता का पाठ अनिवार्य, कांग्रेस ने जताया विरोध

MP Police Training News

MP Police Training News

MP Police Training: मध्य प्रदेश के पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में अब नए भर्ती कॉन्स्टेबल भगवद्गीता का पाठ करेंगे। एडीजी राजाबाबू सिंह ने कहा कि गीता जीवन का सार है, जो प्रशिक्षुओं को धैर्य और नैतिक मूल्यों की शिक्षा देगी। हालांकि, गीता पढ़ाए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने इसका विरोध किया है।

MP Police Training: भगवद्गीता को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ जीवन प्रबंधन ग्रंथ माना जाता है। इसी दृष्टि से मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार गीता भवन का निर्माण कर रही है। अब इसी कड़ी में प्रदेश पुलिस बल को ‘गीता ज्ञान’ देने की अनोखी पहल शुरू हो गई है।राज्य के पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों में प्रशिक्षण ले रहे नए आरक्षकों को अब भगवद्गीता का पाठ पढ़ाया जाएगा। पुलिस मुख्यालय की ट्रेनिंग विंग ने सभी आठ ट्रेनिंग केंद्रों में गीता पाठ सेशन आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं। इसका उद्देश्य जवानों में ‘नेक और अनुशासित जीवन’ की सीख देना है।

कितने जवान ले रहे ट्रेनिंग?

वर्तमान में इन ट्रेनिंग स्कूलों में जुलाई से शुरू हुए सत्र में करीब 4,000 युवक-युवतियां नौ महीने की कांस्टेबल ट्रेनिंग ले रहे हैं। अकेले भोपाल के पुलिस प्रशिक्षण संस्थान में लगभग 500 आरक्षक प्रशिक्षणरत हैं।

गीता से मिलेगी जीवन सीख: एडीजी

मध्यप्रदेश पुलिस के एडीजी (प्रशिक्षण) राजा बाबू सिंह का कहना है कि पुलिसकर्मियों के लिए नेक और अनुशासित जीवन अत्यंत आवश्यक है। भगवद्गीता इसमें बड़ी मदद करेगी। उन्होंने बताया कि जुलाई में ट्रेनिंग सत्र शुरू होने पर रामचरितमानस का पाठ कराने के निर्देश दिए गए थे, जिससे रंगरूटों में अनुशासन और चरित्र निर्माण की भावना विकसित हो। नए आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि भगवद्गीता हमारा शाश्वत ग्रंथ है। इसका नियमित पाठ ट्रेनियों को नेक जीवन जीने का मार्गदर्शन देगा और उनका जीवन बेहतर बनेगा।गौरतलब है कि 2019 में ग्वालियर रेंज के पुलिस प्रमुख रहते राजा बाबू सिंह ने इसी तरह का अभियान चलाया था। उन्होंने स्थानीय जेलों में बंद कैदियों समेत अन्य लोगों को गीता की प्रतियां वितरित की थीं।

कांग्रेस का विरोध

इस फैसले पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी का कहना है कि पुलिस बल को धार्मिक दिशा में ले जाना संविधान की भावना के खिलाफ है। कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा, “भारत में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता है। सरकारी संस्थानों में इस तरह की धार्मिक गतिविधियां उचित नहीं हैं।”

Exit mobile version