Bhagwan Ki Kripa Kaise Prapt Kare: भगवान को करना चाहते हैं प्रसन्न तो करें यह काम

Bhagwan Ki Kripa Kaise Prapt Kare

Bhagwan Ki Kripa Kaise Prapt Kare: हर व्यक्ति चाहता है कि भगवान उसके साथ हमेशा प्रसन्न रहे। भगवान उस पर अपनी कृपा बरसाए रखे इसलिए व्यक्ति कई प्रकार से देवी देवताओं को खुश करने के प्रयास करता है। कुछ लोग व्रत करते हैं तो कुछ पूजा अनुष्ठान करते हैं। परंतु क्या आप जानते हैं कि भगवान को प्रसन्न करने के लिए कुछ व्यवहार भी आपको अपनाने पड़ते हैं तब कहीं जाकर देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। आज के इस लेख में हम आपको आचार्य चाणक्य (acharya chanakya) द्वारा बताई गई कुछ नीतियों के बारे में बताएंगे जिससे आप देवी देवताओं को प्रसन्न करने की विधि जान पाएंगे।

Bhagwan Ki Kripa Kaise Prapt Kare
Bhagwan Ki Kripa Kaise Prapt Kare

चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने भगवान की कृपा को लेकर क्या कहा है?(chanakya niti se paaye bhagwan ki kripa)

जी हां आचार्य चाणक्य जिन्हें हम कौटिल्य के नाम से भी जानते हैं इन्होंने अपने जीवन काल में चाणक्य नीति नाम का एक महत्व पूर्ण ग्रंथ लिखा है जिसमें उन्होंने भगवान को प्रसन्न करने की कुछ नीतियों के बारे में भी बताया है। आईए जानते हैं कौन सी हैं वह नीतियां

किस प्रकार करें ईश्वर को प्रसन्न (devi devta ko kaise prasanna kare)

सत्य के मार्ग पर चले: चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में बताया है कि सत्य ही ईश्वर का स्वरूप है, जो व्यक्ति हमेशा सत्य के मार्ग पर चलता है उससे भगवान सदैव प्रसन्न रहते हैं इसलिए व्यक्ति को हमेशा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।

धर्म के मूल में ही है समृद्धि: चाणक्य ने धर्म के बिना जीवन को निरर्थक बताया है, उन्होंने बताया है कि यदि आप भगवान की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो हमेशा धर्म परायण रहे क्योंकि धर्मवान व्यक्ति ही मृत्यु के बाद यशस्वी हो पता है।

ब्रह्म मुहूर्त में करें पूजा: आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जो व्यक्ति सूर्योदय से पहले उठ जाता है उसे हमेशा ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। सूर्योदय से पहले उठकर स्नान इत्यादि से निवृत होकर यदि व्यक्ति भगवान का पूजा पाठ करता है तो उसे देवी देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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माता-पिता की सेवा से होता है फायदा: चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य में माता-पिता की सेवा को ही परम धर्म बताया है। उन्होंने बताया है कि जो व्यक्ति माता-पिता की सेवा करता है वह साक्षात भगवान की सेवा करता है ऐसे में हमेशा भगवान उनसे प्रसन्न रहते हैं।

गुरु की भक्ति से मिलता है लाभ: आचार्य चाणक्य ने गुरु को ईश्वर तुल्य बताया है। उन्होंने बताया है कि जो व्यक्ति गुरु की सेवा करता है और उनकी बात मानता है ऐसे व्यक्ति से देवी देवता हमेशा प्रसन्न रहते हैं।

जीवन में करें दान पुण्य: आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में बताया है कि हर व्यक्ति को अपनी कमाई से कुछ अंशदान पुण्य में लगाना चाहिए, जो व्यक्ति रोजाना भूखे को भोजन कराता है, गाय के लिए रोटी निकालता है उस व्यक्ति पर भगवान की कृपा हमेशा बरसती है।

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