Best Mutual Fund in 2025: आज आपको भी एक बेहतरीन Mutual Fund पता लग जायेगा जी हाँ 2025 की शुरुआत में ही फ्लेक्सी कैप म्यूचुअल फंड्स ने सभी इक्विटी फंड्स को पीछे छोड़ दिया है. गौरतलब है कि, निवेशक सबसे ज्यादा पैसा इन्हीं में लगा रहे हैं. इसके पीछे की महत्वपूर्ण वजह यह है कि ये फंड बड़ी, मिड और स्मॉल कंपनियों में एक साथ निवेश कर सकते हैं. जिसका सीधा मतलब यह है कि, बाजार के हालात चाहे जो हों, इन फंड्स के पास हर मौके का फायदा उठाने की आजादी होती है.
2025 के शुरुआती 6 महीने में लगभग ₹32 हजार करोड़ का निवेश हुआ
एक डेटा के हिसाब से आपको समझाने की कोशिश करते हैं कि, 2025 के पहले छह महीनों में फ्लेक्सी कैप म्यूचुअल फंड्स में 31,532 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के लेटेस्ट आंकड़ों में दी गई है. मार्च 2025 से लगातार फ्लेक्सी कैप फंड्स ने सभी इक्विटी म्यूचुअल फंड कैटेगरीज में सबसे ज्यादा इनफ्लो हासिल किया है. सिर्फ मई 2025 में ही इस कैटेगरी में ₹5,733.16 करोड़ का निवेश हुआ, जो इन छह महीनों में सबसे ज्यादा है.
बाजार के उतार चढ़ाव में काम आते हैं ये फंड
फिसडम के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) सागर शिंदे के बताते हैं कि, जब बाजार में उतार-चढ़ाव हो और हर सेक्टर बारी-बारी से आगे निकल रहा हो, तब ऐसे फंड्स काम आते हैं जो फुर्ती से अपना पैसा सही जगह लगा सकें. निवेशक उन फंड्स को प्राथमिकता दे रहे हैं जिनमें फंड मैनेजर अपने हिसाब से पूंजी को अलग-अलग सेगमेंट में लगा सकते हैं. 2025 में मिड और स्मॉल कैप्स में तेज मूवमेंट देखने को मिला है, इसलिए लोग ऐसी स्कीम्स ढूंढ़ रहे हैं जो जोखिम में संतुलन बनाए रखते हुए अच्छा रिटर्न भी दे सकें.
What is flexi cap funds… क्या है फ्लेक्सी कैप फंड्स?
SEBI के नियमानुसार, फ्लेक्सी कैप फंड्स को अपने टोटल AUM (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) का कम से कम 65% हिस्सा इक्विटी और इक्विटी से जुड़े निवेशों में लगाना होता है. ये ओपन एंडेड डायनामिक इक्विटी स्कीम्स होती हैं जो बड़ी (Large Cap), मझोली (Mid Cap) और छोटी (Small Cap) कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकती हैं. इसमें फंड मैनेजर को यह पूरी आजादी होती है कि वे बाजार की स्थिति और सेक्टर के परफॉर्मेंस को देखते हुए, कहीं भी निवेश कर सकें.
सागर शिंदे कहते हैं- जब मैक्रो इकोनॉमिक ट्रेंड्स और सेक्टर की कमाई हर जगह अलग-अलग हो, तो फ्लेक्सी कैप फंड्स जैसे डायनामिक फंड्स बहुत मददगार होते हैं. क्योंकि ये हर कैटेगरी और सेक्टर में संतुलन के साथ निवेश कर सकते हैं और उतार-चढ़ाव के बीच भी संभावनाएं पकड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि भले ही फ्लेक्सी कैप फंड्स में इन दिनों भारी इनफ्लो देखने को मिल रहा हो, यह ओवरक्राउडिंग नहीं बल्कि निवेशकों का बढ़ता विश्वास दिखाता है. चूंकि निवेश के मौके बहुत हैं, असली बात यह है कि फंड मैनेजर कितना चतुराई से और समय के साथ अपने फैसले ले पाता है.
2025 के पहली छमाही में फ्लेक्सी कैप फंड्स ने दिया यह रिटर्न!
साल 2025 की पहली छमाही (1 जनवरी से 30 जून) में फ्लेक्सी कैप फंड्स ने औसतन 1.89% का रिटर्न दिया है. इस दौरान Tata Flexi Cap Fund ने सबसे ज्यादा 9.20% और Kotak Flexicap Fund ने 9.01% रिटर्न दिया. वहीं, सबसे कमजोर परफॉर्मेंस Samco Flexi Cap Fund का रहा, जिसमें निवेशकों को लगभग 9.69% का नुकसान हुआ. Parag Parikh Flexi Cap Fund ने इस दौरान 5.29% का रिटर्न दिया.
मार्च से जून का परफॉर्मेंस
चूंकि मार्च 2025 से फ्लेक्सी कैप फंड्स में लगातार सबसे ज्यादा निवेश हो रहा है, इसलिए ETMutualFunds ने मार्च से जून 2025 के बीच के परफॉर्मेंस को भी खासतौर पर देखा. इस चार महीने की अवधि में फ्लेक्सी कैप फंड्स ने औसतन 18% का रिटर्न दिया. Samco Flexi Cap Fund ने इस बार सबसे बेहतरीन परफॉर्म करते हुए 24.33% रिटर्न दिया. Invesco India Flexi Cap Fund ने 23.04% का रिटर्न दिया. वहीं, Parag Parikh Flexi Cap Fund इस अवधि में सबसे कम 11.03% का रिटर्न दे पाया.
Flexi Cap Mutual Funds का फ्यूचर अच्छा
वित्तीय जानकार सागर शिंदे मानते हैं कि फ्लेक्सी कैप म्यूचुअल फंड्स का भविष्य अच्छा दिख रहा है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये फंड्स बड़ी (Large Cap), मझोली (Mid Cap) और छोटी (Small Cap) कंपनियों में निवेश कर सकते हैं. इस वजह से ये हर तरह के बाजार बदलावों के साथ खुद को ढाल सकते हैं.
जब अलग-अलग सेक्टर्स या कंपनियों में निवेश के अच्छे मौके बनते हैं, तो फ्लेक्सी कैप फंड के मैनेजर अपने फैसले बदलकर वहां निवेश कर सकते हैं. लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि फंड मैनेजर बाजार को कितनी अच्छी तरह समझते हैं और कब पोर्टफोलियो में बदलाव करते हैं. शिंदे कहते हैं कि मीडियम से लॉन्ग टर्म (यानी 5 से 7 साल या उससे ज्यादा) में ये फंड्स निवेशकों को अच्छे रिटर्न दे सकते हैं.