Bengal: शुभेंदु अधिकारी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, जानें किस बात का किया आग्रह

West Bengal Suvendu Adhikari News : पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को दिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस पदक वापस लेने या जब्त करने का अनुरोध किया है। 

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आपको बताते चले कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को दिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस पदक वापस लेने या जब्त करने का अनुरोध किया है।

क्या है पूरा मामला ?

आपको बता दे कि ड्यूटी पर तैनात प्रशिक्षु डॉक्टर का शव नौ अगस्त को सरकारी अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था, जिससे देशभर में गुस्सा फैल गया था। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई अगस्त के दूसरे सप्ताह से मामले की जांच कर रही है। एक तरफ लोगों को गुस्सा दूसरी तरफ सियासी हंगामा बढ़ता जा रहा है। भाजपा लगातार कोलकाता पुलिस के इस मामले को संभालने के तरीके पर सवाल उठाती आ रही है। अब जांच सीबीआई के पास है। पीड़िता के पिता ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की और मामले को दबाने की कोशिश की।

बेटी की शव के साथ पुलिस ने की रिश्वत की पेशकश

गौरतलब है कि जूनियर डॉक्टर्स लगातार धरना देकर अपराधियों को समय पर नहीं पकड़ने के लिए शहर के पुलिस प्रमुख के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। आरजी कार दुष्कर्म और हत्या मामले ने गुरुवार को एक नया मोड़ ले लिया। मृतका डॉक्टर के परिवार का दावा है कि जब उन्हें शव सौंपा गया था तो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मामला दबाने के लिए उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की थी, जिसे उनके द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। 

गृह मंत्रालय ने राज्य को दिए थे दिशा-निर्देश

अधिकारी ने कहा कि ऐसे सभी अपमानजनक कृत्यों की पूरी ईमानदारी से जांच किए जाने की आवश्यकता है और दोषी धारकों को दिए जाने वाले पुरस्कार वापस लिए जा सकते हैं। साल 2017 में गृह मंत्रालय ने एक पत्र जारी कर राज्य सरकारों को यह इंगित किया था कि राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस पदक वापस लेने या जब्त करने से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन न करने की किसी भी घटना को गंभीर चूक माना जाता है। इस प्रकार, सभी राज्यों को दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने और ऐसे सभी मामलों को उचित कार्रवाई के लिए सलाह दी गई थी।

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