पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा से भारत को क्या फायदा

Benefit of PM Modi’s UK visit to India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23-24 जुलाई 2025 को अपनी चौथी ब्रिटेन यात्रा (PM Modi’s Fourth UK Visit) के लिए रवाना हुए हैं। यह यात्रा ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के निमंत्रण पर हो रही है, जिसमें दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (India UK Free Trade Agreement) पर हस्ताक्षर होंगे। यह दौरा भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा और तकनीकी सहयोग (Bilateral Trade) को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी किंग चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करेंगे और व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा करेंगे।


भारत और यूके के बीच मई 2025 में अंतिम रूप दिया गया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) इस यात्रा के दौरान औपचारिक रूप से साइन किया जाएगा। यह समझौता 99% भारतीय निर्यातों पर टैरिफ हटाएगा, जिससे टेक्सटाइल, चमड़ा, और इंजीनियरिंग सामान जैसे क्षेत्रों में भारत को बड़ा लाभ होगा। वहीं, ब्रिटिश व्हिस्की, ऑटोमोबाइल और मेडिकल डिवाइस (British Whisky and Automobiles) पर भारत में टैरिफ कम होगा, जिससे ब्रिटिश कंपनियों को भारतीय बाजार में आसानी होगी। यह यूके के लिए ब्रेक्जिट के बाद सबसे बड़ा व्यापारिक समझौता है, जो 2030 तक दोनों देशों के बीच 120 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार (India UK Bilateral Trade Target) का लक्ष्य रखता है।

आर्थिक और रणनीतिक लाभ

  1. व्यापार और निवेश में वृद्धि: यह समझौता भारतीय निर्यातकों को यूके के बाजार में व्यापक पहुंच प्रदान करेगा। 2024-25 में भारत-यूके व्यापार 20 अरब पाउंड से अधिक रहा, और FTA से यह और बढ़ेगा। भारतीय कंपनियों को तकनीक और नवाचार में निवेश के नए अवसर मिलेंगे।
  2. रोजगार सृजन: यूके के लिए यह समझौता 4.8 अरब पाउंड की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाता है, जबकि भारत में छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लाखों नौकरियां पैदा होंगी।
  3. सामाजिक सुरक्षा समझौता: दोनों देशों ने डबल कॉन्ट्रिब्यूशन कन्वेंशन पर सहमति जताई है, जिससे भारतीय नियोक्ताओं को यूके में सामाजिक सुरक्षा योगदान से छूट मिलेगी, जिससे भारतीय पेशेवरों और कंपनियों को लाभ होगा।
  4. रणनीतिक साझेदारी: रक्षा, सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। भारत और यूके हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific Cooperation) में साझा हितों को मजबूत करेंगे।


पीएम मोदी की यात्रा भारत-यूके के लोगों से लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी। लंदन में भारतीय समुदाय (Indian Diaspora) के साथ उनकी बातचीत और किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करेगी। यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति (Global Diplomacy) में एक नया अध्याय जोड़ेगी, खासकर तब जब भारत 2026 में ब्रिक्स की अध्यक्षता (BRICS Leadership) संभालेगा।


हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्सेशन कवरेज जैसे मुद्दों पर दोनों पक्षों में “कुछ असहजता” रही है, जिसे सुलझाने के लिए कड़ी मेहनत की गई। समझौते को लागू करने से पहले यूके में संसदीय जांच और भारत में कैबिनेट की मंजूरी जरूरी होगी। इसके बावजूद, यह समझौता दोनों देशों के लिए “ऐतिहासिक मील का पत्थर” माना जा रहा है।

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