SEBI के जारी नये नियमों से किसको और कैसे होगा फायदा! जानिए रिपोर्ट में

SEBI ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में शेयरों के प्रवेश और निकास से संबंधित नियमों में बदलाव किया है,,,,

शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में शेयरों के प्रवेश और निकास से संबंधित नियमों में बदलाव किया है। नियामक चाहता है कि जो स्टॉक डेरिवेटिव बाजार का हिस्सा हैं वे अधिक तरल हों और अधिक बाजार सहभागियों को शामिल करें। ताकि, हेराफेरी को रोका जा सके और सिस्टम पर जोखिम कम हो।

SEBI के नए नियमों के मुताबिक

सेबी (SEBI) के नए नियमों के मुताबिक, ऑप्शन सेगमेंट में जो शेयर लगातार तीन महीने तक मानदंडों पर खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें हटा दिया जाएगा। इन शेयरों के निकलने के बाद नए कॉन्ट्रैक्ट जारी नहीं किए जाएंगे। सेबी के सर्कुलर के मुताबिक, किसी स्टॉक का मीडियन क्वार्टर सिग्मा ऑर्डर साइज (एमक्यूएसओएस) अब कम से कम 75 लाख रुपये होना चाहिए। पहले यह 25 लाख रुपये थी। इसके अलावा मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट (MWPL) को 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर न्यूनतम 1,500 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

F&O सेगमेंट से बाहर होंगे शेयर

इसके अलावा स्टॉक की औसत दैनिक डिलीवरी वैल्यू 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 35 करोड़ रुपये कर दी गई है। इसका कारण यह है कि औसत दैनिक डिलीवरी मूल्य में काफी वृद्धि हुई है। नियमों (SEBI) में बदलाव के कारण कुछ शेयर F&O सेगमेंट से बाहर हो सकते हैं जबकि कुछ नए शेयर इस सेगमेंट में शामिल होंगे। ब्रोकरेज फर्म IIFL के मुताबिक, नए नियमों के आधार पर 23 स्टॉक F&O सेगमेंट से बाहर हो सकते हैं। इनमें लॉरस लैब्स, रैमको सीमेंट्स, दीपक नाइट्राइट, अतुल लिमिटेड टोरेंट फार्मा, चंबल फर्टिलाइजर्स, गुजरात गैस, कोरोमंडल इंटरनेशनल, ग्रैन्यूल्स इंडिया शामिल हैं।

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SEBI करेगा इन स्टॉक्स को शामिल

साथ ही सन टीवी नेटवर्क, सिंजीन इंटरनेशनल, सिटी यूनियन बैंक, गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स, कैन फिन होम्स, डॉ. लाल पैथलैब्स, एबॉट इंडिया, यूनाइटेड ब्रुअरीज, आईपीसीए लैब्स, मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर, इंडियामार्ट, महानगर गैस और जेके सीमेंट हैं। वहीं, F&O सेगमेंट में जोमैटो, अडानी ग्रीन, जियो फाइनेंशियल, डीमार्ट और टाटा टेक्नोलॉजीज जैसे स्टॉक शामिल हो सकते हैं।

SEBI के नियमों में कई विकल्प मौजूद

फ़्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) एक प्रकार के वित्तीय उपकरण हैं जो निवेशक को कम पूंजी के साथ स्टॉक, कमोडिटी, मुद्राओं में बड़े पद लेने की अनुमति देते हैं। (SEBI) के वायदा और विकल्प एक प्रकार के व्युत्पन्न अनुबंध हैं जिनकी एक निश्चित अवधि होती है। इस समय सीमा के भीतर, स्टॉक की कीमत के अनुसार उनकी कीमतें बदल जाती हैं। प्रत्येक शेयर पर वायदा और विकल्प एक लॉट आकार में उपलब्ध हैं।

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