भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भिक्षावृत्ति पर रोक लगाए जाने के लिए शासन-प्रशासन स्तर से तैयारी की जा रही है। दरअसल भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की उपयोजना के तहत भोपाल जिला को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के उद्देश्य से चयनित किया गया है।
सरकार का यह प्लान
उल्लेखनीय है कि भिक्षावृत्ति में संलग्न व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए विशेष रूप से आश्रय स्थल, भिक्षुक गृह की स्थापना की गई है। इस आश्रय स्थल के संचालन के लिए अनुभवी और सक्षम स्वैच्छिक संस्थाओं, संगठनों से 15 जुलाई 2025 शाम 5 बजे तक प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। कलेक्टर भोपाल द्वारा भिक्षावृत्ति करने व भिक्षा देने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया गया है। इस कार्य के लिए संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय ने बताया कि शर्तो की पात्रता वाली संस्थाओं को जिम्मेदारी दी जाएगी।
ये कर सकते है आवेदन
संस्था सोसायटी रजिस्ट्रेशन, फर्म, लोक न्यास अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत हो। वर्तमान वैध कार्यकारिणी हो। कार्यकारिणी द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया हो। संस्था किसी विभाग द्वारा ब्लैकलिस्टेड न हो। विगत 5 वर्षों से पुनर्वास संबंधित कार्य का अनुभव हो। वित्तीय स्थिति सुदृढ़ हो (पिछले 3 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट आवश्यक)। संस्था के उपविधियों में भिक्षावृत्ति पुनर्वास संबंधी उद्देश्य शामिल होना आवश्यक है। इच्छुक संस्थाएँ अपना प्रस्ताव संयुक्त संचालक, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण, शेड नं. 01, कमिश्नर कार्यालय के पीछे, पुराना सचिवालय, भोपाल में डाक, स्वयं उपस्थित होकर, या ईमेल के माध्यम से भेज सकती है।