UP By Election 2024 : यूपी उपचुनाव से पहले रालोद पूर्व मंत्री  मेराजुद्दीन कांग्रेस में शामिल 

UP By Election 2024 : उत्तर प्रदेश में उपचुनाव से पहले ही दल बदलना शुरू हो गया है। आज रालोद विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। उन्होंने रालोद को इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया। बताया जा रहा है कि उन्हें रालोद का भाजपा के साथ गठबंधन करना पसंद नहीं आया। भाजपा के साथ गठबंधन होते ही उन्होंने रालोद छोड़ दी। गाज़ियाबाद में कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

कांग्रेस में शामिल हुए मेराजुद्दीन

उत्तर प्रदेश की राजनीति में उपचुनाव (UP By Election 2024) से पूर्व फिर फेरबदल देखने को मिला। एक दिन पूर्व शुक्रवार को गाजियाबाद में आयोजित संविधान बचाओ संकल्प सम्मेलन में रालोद विधायक अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। उत्तर प्रदेश के पूर्व सिंचाई मंत्री डा. मेराजुद्दीन ने रालोद को त्यागपत्र देने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया। उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडये, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल, विधायक आराधना मिश्रा, प्रदेश महासचिव नवाब अहमद हमीद, सांसद तनुज पुनिया, पूर्व सांसद दानिश अली की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

पहले भी लड़ चुके हैं कांग्रेस से चुनाव (UP By Election 2024)

डॉ. मेराजुद्दीन ने अपना राजनीतिक सफर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी से शुरू किया था। कई वर्षों तक भी इसके सदस्य रहे थे। लेकिन बाद में उन्होंने कई अन्य पार्टियां ज्वाइन की थी। रालोद से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल होने वाले मेराजुद्दीन पहले भी कांग्रेस ज्वाइन कर चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस की ओर से एक बार विधानसभा और दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उन्होंने वर्ष 1983 में कांग्रेस से सरधना विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। बाद में उन्होंने 1998 और 1999 में समाजवादी पार्टी से बागपत लोकसभा से चुनाव लड़ा। वे जीत तो नहीं पाए लेकिन उनके चुनाव लड़ने से चौ. अजित सिंह को हार का सामना करना पड़ा।

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रालोद से पहले सपा में थे मेराजुद्दीन

मेराजुद्दीन ने अपने राजनीतिक सफऱ में कई पार्टियों के खेमे में रहकर चुनावी पारी खेली हैं। रालोद को ज्वाइन करने से पहले वह समाजवादी पार्टी में थे। उन्होंने साल 2002 में सपा छोड़ दी थी और रालोद में शामिल हो गए थे। रालोद में उन्हें निर्यात निगम का चेयरमैन बना दिया गया था। वह रालोद में छह महीने तक कैबिनेट मंत्री के पद रहें थे। वर्तमान में वह रालोद के राष्ट्रीय महामंत्री थे।

मेराजुद्दीन ने क्यों छोड़ी रालोद? (UP By Election 2024)

डॉक्टर मेराजुद्दीन ने रालोद का साथ भाजपा की वजह से छोड़ा है। रालोद में उनका राजनीतिक सफऱ अच्छा चल रहा था। लेकिन जब रालोद ने भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया तो उन्होंने पार्टी को त्यागपत्र दे दिया। बताया जा रहा है कि वह नहीं चाहते थे कि रालोद भाजपा के साथ गठबंधन करे। इसलिए उन्होंने रालोद-भाजपा गठबंधन होते ही पार्टी को छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गए।

संविधान बचाने की लड़ाई में जुड़ेंगे मेराजुद्दीन

कांग्रेस ज्वाइन करने पर डा. मेराजुद्दीन ने कहा, “संविधान बचाने की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे। मजदूर, गरीब, किसान, महिला व युवाओं की आवाज को जननायक राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व में बुलंद करने का काम करेंगे।” उनके साथ उनके बेटे दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता बदर महमूद व फैज महमूद के अलावा सैयद अमान उस्मान सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस ज्वाइन की है।

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