SIP टालने वालों हो जाओ सावधान! वर्ना ये होंगे नुकसान, अभी बंद करो ये काम

Regular SIP Investment For Smart Financial Planning

Systematic Investment Plan: SIP वर्तमान के समय की सबसे बेहतरीन निवेश स्कीम मानी जा सकती है लेकिन आपको उसमें कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. गौरतलब है की एसआईपी ने MF में निवेश का तरीका ही बदल दिया है. हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा लगाकर कोई भी आसानी से निवेश की दुनिया में कदम रख सकता है, वो भी बिना शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता किए.

SIP की भूमिका

SIP ठीक उस तरह है जैसे अपने आप को फिट रहने के लिए रोज कसरत जरूरी होती है, या करियर में आगे बढ़ने के लिए लगातार मेहनत करनी पड़ती है, ठीक वैसे ही निवेश में भी लगातार बने रहना बहुत जरूरी है. मसलन अगर आपने कभी-कभार SIP स्किप कर दिया है, और आपको लग रहा है कि इससे क्या फर्क पड़ेगा. लेकिन यही छोटी-छोटी चूकें लंबे समय में आपके फाइनेंशियल गोल्स को धीमा कर सकती हैं और अक्सर हमें इसका एहसास बहुत देर से होता है.

टूट जाती है पैसों की स्पीड

देखिए पैसे का निवेश हमेशा सही जगह करना चाहिए क्योंकि पैसे मेहनत से आते हैं. ऐसे में आपको बताएं SIP का सबसे बड़ा फायदा यही है कि समय के साथ आपका पैसा तेजी से बढ़ता है. इसे ही चक्रवृद्धि ब्याज (कंपाउंडिंग) कहते हैं. मतलब आपके निवेश से जो कमाई होती है, वह कमाई भी आगे चलकर खुद कमाई करने लगती है. जब आप हर महीने नियमित रूप से SIP में निवेश करते हैं, तो आपका पैसा धीरे-धीरे एक बड़े अमाउंट में बदलने लगता है. लेकिन अगर अक्सर SIP के समय आपके अकाउंट में पैसा नहीं रहता तो SIP मिल हो जाती है. इससे आपकी पूंजी बढ़ने की रफ्तार धीमी पड़ जाती है.

खो देते हैं ये बड़ा फायदा

SIP के अनेक फ़ायदे हैं, जी हां आप हर महीने एक निश्चित रकम लगाते हैं, चाहे बाजार ऊपर हो या नीचे. जब बाजार नीचे होता है (यानी शेयर सस्ते होते हैं), तो आपके पैसे से ज़्यादा यूनिट्स मिलती हैं. और जब बाजार ऊपर होता है (शेयर महंगे होते हैं), तो उसी पैसे से कम यूनिट्स मिलती हैं. इसे ही रुपया-कॉस्ट एवरेजिंग कहते हैं.

रुपया-कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा

गौरतलब है कि, समय के साथ आपके निवेश की औसत कीमत कम हो जाती है और आपको अच्छा रिटर्न मिलने के मौके बढ़ जाते हैं. लेकिन अगर आपकी किसी महीने SIP नहीं कटी. मुख्य रूप से तब जब बाजार नीचे था- तो आप सस्ते में ज़्यादा यूनिट्स खरीदने का मौका खो देते हैं. इससे आपकी कमाई पर असर पड़ सकता है और लंबे समय में आपका रिटर्न कम हो सकता है.

ड्रीम को पीछे कर देती है यह आदत

SIP करने का उद्देश्य ही यही होता है की निवेशकों को भविष्य में कोई गोल पूरे करने होते हैं जैसे- रिटायरमेंट प्लान, बच्चे की पढ़ाई का खर्च, नया घर खरीदना या धीरे-धीरे अच्छा पैसा बनाना. दरअसल एसआईपी एक तरह का वादा होता है जो आप अपने सपनों से करते हैं- कि हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा जोड़कर एक दिन वो सपना पूरा करेंगे. लेकिन अगर आपकी कभी SIP नहीं कटती है, तो उस सपने के लिए जो पैसा इकट्ठा होना था, वो कम हो सकता है या सही समय पर नहीं मिल पाता.

सेविंग की आदत बिगाड़ देता है

SIP के माध्यम से निवेश करने से आपको सेविंग करने और निवेश करने की अच्छी आदत बन जाती है. इससे आप हर महीने अपने बिजली या पानी के बिल समय पर भरते हैं, वैसे ही SIP का पैसा भी महीने में एक बार अपने आप कट जाता है. अब बात आती है SIP को एक महीने स्कीप करने की तो अगर आप कभी SIP की किस्त छोड़ देते हैं, तो यह अच्छी आदत टूटने लगती है. एक बार छोड़ना ठीक लगता है, लेकिन अगर ये आदत बन जाए तो आगे जाकर आपके पैसे बचाने और बढ़ाने का तरीका कमजोर हो जाता है और ये आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए नुकसानदेह हो सकता है.

SIP बंद हो सकती है?

अक्सर आप अगर यही करने लग जाते हैं, मान लीजिए आप बार-बार SIP समय पर नहीं पेमेंट कर रहे हैं, तो आपका बैंक या फंड कंपनी आपका ऑटोमैटिक पैसा कटने का सिस्टम रोक सकते हैं या बंद भी कर सकते हैं. फिर इसे दोबारा चालू कराने में समय और मेहनत लगती है, और इस बीच आपका निवेश रुका रहता है. इसके अलावा, भविष्य में अगर आपके पैसे के व्यवहार को देखा जाए, तो इससे आपकी साख ट्रस्ट पर भी बुरा असर पड़ सकता है.

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