Site icon SHABD SANCHI

नदी, तालाब, स्विमिंग पूल में नहाना है जानलेवा, जानिए ब्रेन ईटिंग अमीबा के बारे में ;

BRAIN EATING AMEEBA

BRAIN EATING AMEEBA

गर्मियों के मौसम में स्वीमिंग पूल, नदी, तालाब में नहाना तो सबको पसंद होता है पर हैरानी इस बात की है कि इससे किसी इंसान की जान भी जा सकती है। भारत में ऐसा लगातार तीसरा मामला सामने आया है जिसमें सार्वजनिक पानी पर नहाने मात्र से किसी की जान गयी है।

दरअसल केरल राज्य में जब एक 14 साल के मृदुल नाम के लड़के की जब मौत हुई, तो पता लगाने पर मालूम हुआ की कुछ दिनों पहले मृदुल तालाब में नहाने गया जिसके बाद इसकी तबियत बिगड़ना चालू हुई डॉक्टर्स ने बताया की तब ही नहाते समय उसके नाक से ‘प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ यानी PAM इंफेक्शन गंदे पानी में पाए जाने वाले प्री-लिविंग अमीबा उसके नाक से दिमाग में चला गया इस कारण इसकी तबीयत बिगड़ी और समय से इलाज न मिलने से इसकी जान चली गयी। यह जीव न कोई बैक्टीरिया है, न वायरस, यह एक फ्री लिविंग अमीबा है। इसका नाम है नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleri Fowleri) है। आम बोलचाल की भाषा में इसे ‘ब्रेन ईटिंग अमीबा’ या ‘दिमाग खाने वाला अमीबा’ भी कहा जाता है।

आप को बता दें की भारत का यह 3 महीने में लगातार तीसरा मामला है, जिसमे इस संक्रमण की वजह से मौत हुई है, इससे पहले 21 मई को मल्लमपुरम में इसी संक्रमण के कारण 5 वर्षीय बच्ची और 25 जून को कन्नूर के 15 वर्षीय बालक की भी जान गयी थी।

अमेरिका के डिज़ीज़ ऑफ़ कण्ट्रोल के मुताबिक ;

PAM ब्रेन इन्फेक्शन है जो ताज़े पानी और मिट्टी में रहता है। ये झील, तालाब और नदी में होता है। जो नाक की पतली चमड़ी में पानी की मदद से अंदर घुसता है और 24 घंटे के अंदर अपना काम चालू कर देता है। यह दिमाग में घुसते ही ब्रेन टिशू को खाने लगता है जिससे इंसान की तबियत धीरे धीरे ख़राब होने लगती है और संक्रमित इंसान 7 से 8 दिनों में मर जाता है।नेगलेरिया फाउलेरी किसी साधारण दवा से नहीं ठीक किया जा सकता इसके उपचार की दवा टीफंगल एम्फोटेरिसिन बी है जो डॉक्टर के कन्सल्टेशन में ही ली जा सकती है।

आएये इसके कुछ लक्षण जान लेते हैं ;

यह अमीबा इतना छोटा होता है जिसे सिर्फ माइक्रोस्कोप की मदद से ही देखा जा सकता है। अगर ये किसी इंसान के अंदर चला जाता है तो उसे बुखार, चिड़चिड़ापन, सर दर्द, उल्टियां, गले में अकड़न, चक्कर, दौरे, बेहोश होना और आखों की रोशनी भी कम होने जैसी दिक्कतें आने लगती है।

इससे बचने के उपाय ;

  1. गर्मी और बरसात के मौसम में नदी तालाब में जाने से बचें बल्कि घर पर ही नहाएं।
  2. नहाते समय पानी को नाक में जाने से बचाना चाहिए।
  3. झील, झरनो, और स्विमिंग पूल पर गोता नहीं लगाना चाहिए।
  4. पानी को डिसइंफेक्टेड करने के लिए पहले क्लोरिन का इस्तेमाल करें।
  5. पानी के इस्तेमाल से पहले पानी को उबाल लें।

Exit mobile version