Bashar al-Assad Syria War: बशर अल असद सीरिया छोड़ भाग गए है . इस पूरे घटनाक्रम के बाद विद्रोही गुट ने एलान किया है कि आज, 8 दिसंबर, 2024 को उस काल युग का अंत हो गया है और सीरिया के एक नए युग की शुरुआत हुई है. पूरी दुनिया की नजर इस बात पर टिकी हैं कि सीरिया में नई सरकार का गठन किस तरह किया जाएगा.
सीरिया में बशर अल असद अब एक इतिहास का पन्ना बन चुके है . खबर है कि बशर अल असद सीरिया छोड़ कर भाग गए है . अमेरिकी समर्थित काबुल सरकार नें गिरने में 14 दिन लिए थे . लेकिन दमिश्क तो 10 दिनों में ही ढ़ेर हो गया है। सीरिया में बागियों ने एलान किया है कि उन्होंने सीरिया को अजाद करा लिया है . लेकिन इस सरकार के गिरने के पीछे की कहानी 10 दिनों तक सीमित नहीं है , बल्कि यह पिछले 15 सालों का संघर्ष है . एक ऐसा संघर्ष जिसमें करीब 5 लाख लोगों ने अपनी जान गवाई और करीब 4 लाख लोग विस्थापित हुए .
बशर अल असद ने सन 2000 में अपने बाप हफीज अल-असद के बाद सीरिया की कमान संभाली थी. हफीज अल अस्साद ने भी 1950-60 के गृह युद्ध के बाद तख्तापलट कर सत्ता संभाली थी और 1971 के बाद से 2024 तक असद परिवार का सीरिया पर शासन रहा. जिस तानाशाही के खिलाफ असद के पिता सत्ता में आए थे और सोशलिस्ट निजाम सीरिया में लाने का वादा किया था, उसी को भूल वे खुद एक तानाशाह बन गए.
50 साल के शासन और 13 साल के अपराधों का अंत
1971 के बाद से सीरिया में बाथ पार्टी की सरकार थी ,जोकि सीरिया राष्ट्रपति बशर अल असद के पिता की बनाई हुई पार्टी है. होम्स पर कब्जे और दमिश्क के अंदर घुसने के बाद विद्रोहियों ने एक बयान जारी कर कहा, “बाथिस्ट शासन के 50 सालों के उत्पीड़न और 13 सालों के अपराध, अत्याचार और विस्थापन और सभी तरहकी कब्जाकारी ताकतों का सामना कर एक लंबी लड़ाई के बाद आज, 8 दिसंबर, 2024 को उस काल युग का अंत और सीरिया के एक नए युग की शुरुआत का हम ऐलान करते हैं.
बशर अल असद का 24 साल का शाशन
बशर अल असद सीरिया के सन 2000 से राष्ट्रपति बने हुए थे . राष्ट्रपति के साथ -साथ असद सीरियाई सशस्त्र बल के कमांडर इन चीफ और अरब सोशलिस्ट बाथ पार्टी के सेंट्रल कमांड के महासचिव थे . उनके शासन में उनके खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने का एक बड़ा काला इतिहास है . आपको बता दे कि 2011 में अरब स्प्रिंग के समय सीरिया में भी उनके खिलाफ चिंगारी भड़क उठी थी, लेकिन उन्होंने बहुत क्रूर तरीके से इसको दबाने की कोशिश की जिसके बाद ये प्रदर्शन सशस्त्र लड़ाई में बदल गए. बशर अल असद ने ईरान और सीरिया की मदद से दमिश्क पर अपना कब्जा जमाए रखा और विद्रोह आंदोलन को कुचल दिया.
सीरिया में किसकी सरकार बनेगी ?
दिलचस्प बात यह है कि असद शाशन के अंत के बाद सबकी नजर इस बात पर हैं कि सीरिया की नई सरकार कैसे बनेगी, इस सरकार का बटवारा किस लिहाज से किया जाएगा. क्योंकि असद के खिलाफ लड़ने वाला कोई एक ग्रुप नहीं है बल्कि दर्जनों ग्रुप मैदान में असद की सेना से लड़ रहे हैं और ये सब अपनी हिस्सेदारी चाहते हैं. इन समूहों की आइडियोलॉजी भी अलग-अलग है कुछ लोकतंत्र के हिमायती हैं, तो कुछ इस्लामी राष्ट्र चाहते हैं और कुर्द लड़ाके भी हैं जो अपना एक अलग देश चाहते हैं. इस लड़ाई से अभी एक धुंधली से तुर्की, अमेरिका और इजराइल के बड़े प्लान की तस्वीर दिख रही है, जिसमें वह सीरिया को तोड़ ईरान का मध्य पूर्व से कंट्रोल को कम कर सकते हैं.
यह भी देखें :https://youtu.be/2fOkmL850Vs?si=sx7OvhoQbN3EQLRI