बरेली ट्रिपल मर्डर केस के 8 आरोपियों को मिली फांसी की सजा

TRIPAL MURDER CASE -

Bareilly Triple Murder Case: ट्रिपल मर्डर केस में दोषी सभी आरोपी कोर्ट रूम में चेहरा ढककर रोते रहे. फैसला आने आने के बाद कोर्ट रूम से निकलते ही फफक पड़े. सभी चेहरों पर कपड़ा बंधा हुआ था. उसमें से नाजमा की गोदी में आठ महीने का बच्चा था. दोषी कुछ भी बोलने से बचते रहे. बस इतना कहा कि उम्रकैद हो जाती, फांसी का अंदाजा नहीं था. हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं. उनका क्या होगा?

उत्तरप्रदेश के बरेली में 10 साल पहले हुए ट्रिपल मर्डर केस में कोर्ट ने 9 आरोपियों को दोषी माना है. इसमें से 8 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है. जबकि एक आरोपी को उम्रकैद की सजा दी है. दोषियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं. उसमें से एक का आठ महीने का छोटा बच्चा भी है. ये फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट के स्पेशल जज रवि कुमार दिवाकर ने 7 मार्च को दिया है. कोर्ट रूम से निकलते ही सभी दोषी रो पड़े.

आरोपियों ने कहा कि फांसी की उम्मीद नहीं थी

Bareilly Triple Murder Case: ट्रिपल मर्डर केस में दोषी सभी आरोपी कोर्ट रूम में चेहरा ढककर रोते रहे. फैसला आने आने के बाद कोर्ट रूम से निकलते ही फफक पड़े. सभी चेहरों पर कपड़ा बंधा हुआ था. उसमें से नाजमा की गोदी में आठ महीने का बच्चा था. दोषी कुछ भी बोलने से बचते रहे. बस इतना कहा कि उम्रकैद हो जाती, फांसी का अंदाजा नहीं था. हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं. उनका क्या होगा?

निर्दयता पूर्वक की गई थी हत्या

Bareilly Triple Murder Case: ADGP दिगंबर पटेल के अनुसार, रविकांत मिश्रा ने थाना बारादरी में तहरीर दी थी. जिसमें बताया था कि वह सुरेश शर्मा नगर के रहने वाले हैं. आयकर विभाग पीलीभीत में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. 21 अप्रैल 2014 की सुबह सूचना मिली कि परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इसके बाद वह अपने घर आए तो मेनगेट अंदर से बंद था. गैलरी की खिड़की खुली दिखाई दे रही थी. ग्रिल भी निकली हुई थी. छत का दरवाजा खुला हुआ था. जब उन्होंने पास के निर्माणाधीन मकान की छत से अंदर जाकर देखा तो मां पुष्पा की लाश सीढ़ियों के पास पड़ी थी. बैडरूम में भाई योगेश और उनके पत्नी प्रिया की लाश सीढ़ियों के पास पड़ी मिली थी. घर का सारा सामान बिखरा हुआ था.

डकैती के दौरान किया गया था मर्डर

Bareilly Triple Murder Case: रविकांत मिश्रा ने थाने में तहरीर दी थी. जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ डकैती कर हत्या करने के मामले में केस दर्ज किया था. केस की विवेचना में पुलिस ने पाया था कि आरोपी पड़ोस के निर्माणाधीन मकान के जरिए रात के समय घर में प्रवेश कर खिड़की की ग्रिल निकालकर घर में दाखिल हुए थे. वादी की बुजुर्ग मां के उठने पर सिर पर ईंट मारकर हत्या कर दी. फिर भाई-भाभी को भी सब्बल और ईंट मारकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था.

इस मामले में 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट लगाई थी. उसमें शेरगढ़ कुड़ला नगरिया के रहने वाले वाजिद, बिथरी चैनपुर डेरा उमरिया के रहने वाले हसीन, यासीन उर्फ़ जीशान, नाजिमा, हाशिमा, माल खरीदने वाले शाहजहांपुर सदर कैंट के रहने वाले राजू वर्मा, संभल के रहने वाले समीर उर्फ़ साहिब उर्फ़ नफीस, बिथरी चैनपुर डेरा उमरिया के रहने वाले जुल्फाम और फहीम समेत 9 को आरोपी बनाया था.

क्लीनिक के पर्चे से मिला सुराग

2 मई 2014 को मुखबिर की सूचना पर बिथरी के उमरिया गांव में नदी के किनारे स्थित डेरों में पुलिस ने दबिश दी थी. एक व्यक्ति और दो औरतें मिलीं। तलाशी में चार चांदी के सिक्के बरामद हुए. पेंट की जेब से एक पर्स मिला। जिसमें गुप्ता पौली क्लीनिक का पर्चा मिला। जिसमें पुष्पा देवी का नाम ऊपर लिखा था. दूसरे कागज़ पर आयकर विभाग योगेश मिश्रा लिखा हुआ था. पकड़ी गई महिलाओं ने अपना नाम नाजिया उर्फ़ कल्लो पत्नी हसीन, दूसरी ने हाशिमा पत्नी यासीन बताया था.

महिलाओं के साथ पकड़े गए व्यक्ति ने अपना नाम वाजिद बताया था. पर्स को देखने पर विजय देव मिश्रा ने रोते हुए बताया कि साहब यह तो मेरे भाई योगेश का है. वाजिद से कड़ाई से पूछताछ की गई जिसके बाद उसने जुर्म कबूल कर घटनाक्रम का खुलासा किया। वाजिद ने बताया था कि सब्बल के सहारे से खिड़की की ग्रिल हटाकर घर में घुस थे.

सब्जी बेचने के बहाने आरोपियों ने की थी रेकी

आरोपी हसीन, नाजिमा, हाशिमा, यासीन हत्या से पूर्व घर के आसपास सब्जी बेचने के बहाने घूमते फिरते थे और इन लोगों ने रेकी कर घटना को अंजाम दिया। महिलाओं की गवाही दोषसिद्ध करने का महत्वपूर्ण आधार बनीं। ADGP दिगंबर पटेल ने बताया कि घटना में शामिल 8 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है. जबकि ज्वेलरी खरीदने वाले सराफ को उम्रकैद हुई है.

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