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बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के विरोध में क्यों उतरी स्थानीय जनता

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UP: मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में कॉरिडोर बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. इसे लेकर सर्वे भी हो चुका है. ये पूरा कॉरिडोर लगभग 5 एकड़ में बनाया जाएगा। इसका प्रस्तावित प्लान भी सामने आ गया है, जिसके अनुसार कॉरिडोर दो मंजिला होगा। इसके अलावा इसमें तीन रास्ते भी होंगे।

उत्तरप्रदेश के मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के चारों ओर कॉरिडोर बनाने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध हो रहा है. पुजारियों, व्यापारियों और स्थानीय जनता ने 21 नवंबर को बांके बिहारी मंदिर के चारों ओर प्रस्तावित कॉरिडोर के निर्माण के खिलाफ अपना आंदोलन तेज कर दिया है. साथ ही कॉरिडोर के प्रस्तावित डिजाइन की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन भी किया।

इतना ही नहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को खून से लिखे 108 पत्र भी भेजे। इन पत्रों में कॉरिडोर निर्माण को बंद करने और वृन्दावन की विरासत को बचाने की अपील की गई.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांके बिहारी मंदिर के पास विरोध के चलते 21 नवंबर को बाजार लगातार तीसरे दिन बंद रहा. बांके बिहारी व्यापारी संघ के अध्यक्ष अमित गौतम ने कहा कि हम एक तरफ सुप्रीम कोर्ट से मामले में समाधान की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर आंदोलन भी तेज कर दिया गया. धरने में शामिल 85 वर्षीय शकुंतला देवी गोस्वामी (स्थानीय रहवासी ) ने कहा कि कॉरिडोर बनने से न सिर्फ वृन्दावन की विरासत बर्बाद होगी बल्कि हम भी बेघर हो जाएंगे। वहीं ज्ञानेंद्र किशोर ने कहा, जब हमें बर्बाद करने की कोशिश चल रही है तो हम शांत कैसे बैठ सकते हैं? एक अन्य स्थानीय निवासी मेघ श्याम कहना है कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर बन रहे इस कॉरिडोर का विरोध 12 जनवरी से शुरू हुआ और हम अधिक से अधिक समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 23 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा। उधर इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर शांत नहीं बैठेगी। उनके मुताबिक कॉरिडोर के चलते 300 परिवार बेघर हो जाएंगे, हजारों व्यापारी और उनके साथ काम करने वाले कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे।

मथुरा में पिछले साल जन्माष्टमी पर मंदिर में भगदड़ में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. इतना ही नहीं आधा दर्जन लोग घायल भी हो गए थे. इसके बाद सरकार ने इस घटना को जांच कराने और सुरक्षात्मक उपाय सुझाने के लिए समिति का गठन किया था. बांके बिहारी मंदिर से जुड़ी एक याचिका पर 20 दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को अनुमानित आदेश दिया था. बता दें कि 5 एकड़ में बन रहा यह कॉरिडोर मंदिर और यमुना नदी को जोड़ेगा। ठीक वैसे ही जैसे कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर मंदिर और गंगा नदी को जोड़ता है.

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