Bangladesh News : हाल ही में हुए बांग्लादेश हिंसा के बाद बांग्लादेश में एक ओर विवाद गरमाया हुआ है आपको बता दें बांग्लादेश के वित्तीय अधिकारियों ने इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास समेत 17 लोगों के बैंक खातों से लेनदेन पर 30 दिन की रोक लगाने का आदेश दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बांग्लादेश बैंक की वित्तीय खुफिया इकाई (BFIU) ने विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश जारी कर एक महीने के लिए इन खातों से सभी तरह के लेनदेन पर रोक लगा दी है।
ढाका से गिरफ्तार हुए चिन्मय कृष्ण दास। Bangladesh News
बीएफआईयू ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से तीन कार्य दिवसों के भीतर इन बैंक खातों से जुड़ी जानकारी भेजने को कहा है। इसमें इन 17 व्यक्तियों के स्वामित्व वाले सभी प्रकार के व्यवसायों के सभी खातों का लेनदेन विवरण शामिल है। बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण ज्योत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को देशद्रोह के एक मामले में ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया।
इतने लोगों के किए गए खाते सीज? Bangladesh News
आपको बता दें चिन्मय कृष्ण दास के अलावा इस्कॉन बांग्लादेश के जिन अन्य सदस्यों के बैंक खाते जब्त किए गए हैं, उनमें कार्तिक चंद्र डे, अनिक पाल, सरोज रॉय, सुशांत दास, विश्व कुमार सिंह, चंडीदास बाला, जयदेव कर्मकार, लिपि रानी कर्मकार, सुधामा गौड़ शामिल हैं। इसके अलावा लक्ष्मण कांति दास, प्रियतोष दास, रूपन दास, रूपन कुमार धर, आशीष पुरोहित, जगदीश चंद्र अधिकारी और सजल दास के खाते भी जब्त किए गए हैं।
चिन्मय कृष्ण दास को जमानत नहीं मिली। Bangladesh News
चिन्मय कृष्ण दास को चटगांव की एक अदालत द्वारा जमानत देने से इनकार करने के बाद जेल भेज दिया गया। हिंदू नेता के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में एक वकील की मौत हो गई। चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश में अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी (इस्कॉन) के पूर्व प्रवक्ता हैं।
मामले की निष्पक्ष और न्यायपूर्ण तरीके से जांच की जाएगी।
आपको बता दें विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता Randheer Jaiswal ने मीडिया से बात करते हुए कहा कहा, हम इस्कॉन को सामाजिक सेवा के मजबूत रिकॉर्ड के साथ विश्व स्तर पर सम्मानित संगठन के रूप में देखते हैं। जहां तक चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का सवाल है, हमने उस पर अपना बयान दे दिया है। इस मामले में उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही चल रही है। हमें उम्मीद है कि ये कार्यवाही निष्पक्ष, न्यायसंगत और पारदर्शी तरीके से की जाएगी। ताकि बांग्लादेश में इन व्यक्तियों और सभी संबंधित लोगों के लिए पूर्ण सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।”