Bangladesh News:भारत की कूटनीति पर गहरा असर डाल सकती है हसीना

Bangladesh News:भारत की कूटनीति पर गहरा असर डाल सकती है हसीना बांग्लादेश में छात्रों के उग्र प्रदर्शन के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपना देश छोड़े एक महीने से ज्यादा हो गया है। इस्तीफे के बाद उन्होंने भारत में शरण ली थी। लेकिन कई विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में उनको शरण देना अब भारत के लिए कूटनीतिक सिरदर्द बनता जा रहा है।

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शेख हसीना को उस वक्त अपना देश छोड़ना पड़ा था जब प्रदर्शनकारियों ने उनके ढंका के महल को घेर लिया था। उन पर आरोप थे कि उन्होंने अपने 15 साल के शासन के दौरान कई दफा मानवाधिकार का उल्लंघन किया और इस दौर में विपक्ष को पूरी तरह से हाशिये पर रक्खा गया।

मुश्किल है शेख हसीना की वापसी

कई विशेषज्ञों का कहना है कि भारत उन्हें दोबारा बांग्लादेश वापस भेजना नहीं चाहेगा। आपको बता दे कि पिछले साल मालदीव में भारत के पसंदीदा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की हार से भारत को पहले ही एक बड़ा झटका लग चुका है। वहीं हाल की बांग्लादेश की घटना से भारत का निकटतम सहयोग भी छिन चुका है।

हसीना के कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश के पीड़तों के मन में भारत के प्रति बहुत आक्रोश है। यह गुस्सा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिन्दू – राष्ट्रवादी सरकार की नीतियों के खिलाफ है।

अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह विभाग के सलाहकार ने यह स्वीकार किया है कि अल्पसंख्यकों पर हमले हुए है और उनकी सुरक्षा में चूक हुई है। उन्होंने इसके लिए अल्पसंख्यकों से माफ़ी भी मांगी। हिन्दू परिवार के लोगों का कहना है कि 1971 में मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तान की सेना की ओर से किए गए अत्याचारों के जख्म ताजा हो गए।

आपको बताते चले कि शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद हुए हमलों में कुछ बांग्लादेश के हिन्दुओं और मंदिरों को निशाना बनाया था। इन हमलों की निंदा अंतरिम सरकार ने की।

भारत की कूटनीति का इम्तहान

बीएनपी के शीर्ष नेता ने बताया कि बांग्लादेश के लोग भारत के साथ अच्छे सम्बन्ध चाहते है , लेकिन अपने हितों की कीमत पर नहीं। बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं में भी दोनों देशों के बीच अविश्वास की भावना स्पष्ट है। अगस्त में बाढ़ के दौरान जब दोनों देशों में मौत हुई तो बांग्लादेश के लोगों ने इस आपदा के लिए भारत को दोषी करार दिया।

आपको बता दे कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सार्वजनिक रूप से भारत में शरण लिए शेख हसीना के मुद्दे को नहीं उठाया है। लेकिन ढाका ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है , जिससे वह आगे कहीं यात्रा नहीं कर सकती है। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच वर्ष 2013 में  हस्ताक्षरित एक प्रत्यर्पण संधि है जो शेख हसीना को आपराधिक मुक़दमे का सामना करने के लिए वापस भेजने की अनुमति देती है। हालांकि इसमें एक शर्त यह भी है कि यदि अपराध राजनीति से प्रेरित हो तब प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है।

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