शेख हसीना को बाग्लादेश की अदालत ने सुनाई फांसी की सजा, निहत्थे नागरिकों पर गोली चलाने की दोषी करार

बांग्लादेश। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही हसीना और पूर्व गृहमंत्री कमाल की बांग्लादेश में मौजूद सभी प्रॉपर्टी जब्त करने का आदेश दिया गया है। उन्हें ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने सोमवार को मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी करार दिया है और दो आरोपो में मौत की सजा सुनाई। हसीना को हत्या के लिए उकसाने और हत्या का आदेश देने में दोषी माना गया है। कोर्ट ने दूसरे आरोपी पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान को भी 12 लोगों की हत्या का दोषी माना और फांसी की सजा सुनाई।

इसमें पाया गया दोषी

अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को निहत्थे नागरिकों पर गोली चलाने और मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में दोषी ठहराया है अदालत ने पाया कि शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को दबाने और मारने के लिए घातक हथियारों और ड्रोन का इस्तेमाल करने के आदेश दिए थे. इस गंभीर अपराध के चलते उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है. अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा कि शेख हसीना और उनके सहयोगियों के आदेशों पर ही मानवता के खिलाफ अपराध अंजाम दिए गए।

पुलिस छावनी में तब्दील रहा ढ़ाका

शेख हसीना पर फैसले के पहले बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जगह-जगह पर भारी पुलिस बल और सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। आम दिनों में जिन इलाकों में भारी ट्रैफिक और भीड़भाड़ होती थी, वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। लोगों के एकजुट होने नहीं दिया जा रहा।

यह थी घटना

घटना की शुरुआत 5 अगस्त 2024 को हुई, जब बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हो गया। इससे पहले और बाद में देशभर में भारी प्रदर्शन, आगजनी और हिंसा देखी गई। सरकार पर आरोप लगे कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों को गिरफ्तार कर टॉर्चर किया गया और फायरिंग की गई। हिंसा बढ़ने के बाद शेख हसीना ने देश छोड़कर भारत में शरण ली। इसके बाद बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। कोर्ट ने उन्हें देश लौटकर केस में पेश होने का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने यह आदेश नहीं माना और अब कोर्ट ने उन्हे मौत की सजा सुनाई है।

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