यासीन मलिक की पार्टी अब पांच साल के लिए बैन!

JKLF Ban

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति को कठोर क़ानूनी परिणाम भुगतने होंगे। उनका यह बयान कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन पर प्रतिबंध बढ़ाने के बाद आया है।

JKLF Ban: कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मालिक के संगठन पर प्रतिबंध बढ़ाते हुए, नरेंद्र मोदी सरकार ने 16 मार्च को घोषणा की कि ‘जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट’ (JKLF) पांच साल की अवधि के लिए एक गैरकानूनी संगठन होगा। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रतिबंध संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल है.

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति को कठोर क़ानूनी परिणाम भुगतने होंगे। गृह मंत्रालय ने 2019 में आतंकवाद विरोधी कानून, गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत मलिक के संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस कदम से कुछ दिन पहले, सरकार ने यूएपीए की धारा 3 (1) के तहत जमात-ए-इस्लामी (JEI-J&K) पर प्रतिबंध लगा दिया था.

JKLF पर भी उन्हीं धाराओं के आधार पर प्रतिबंध लगाया गया था, जो केंद्र को किसी भी एसोसिएशन को आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित करके गैरकानूनी घोषित करने की शक्ति देता है. ‘X’ पर एक अन्य पोस्ट में गृहमंत्री ने लिखा कि ‘आतंकवाद के प्रति पीएम मोदी जी शून्य-सहिष्णुता की नीति का पालन करते हुए, गृह मंत्रालय जम्मू कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों की घोषणा की है-अर्थात JKPL (मुख़्तार अहमद वाजा), JKPL (वशीर अहमद तोता), याकूब शेख के नेतृत्व वाले जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान) और जेकेपीएल (अजीज शेख) को गैरकानूनी संघ के रूप में जाना जाता है.

जानें कौन है यासीन मलिक?

बता दें कि यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर फ्रंट का प्रमुख है जिसे 24 मई 2022 को एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. जिसमें उसे कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक अपील दायर कर सजा को आजीवन कारावास से बढ़ाकर मृत्युदंड करने की मांग की थी, जो अपराध के लिए अधिकतम सजा है.

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