Baluchistan Explainer :16 जनवरी 2024 ईरान ने पाकिस्तान पर हमला किया।ईरान ने ये हमला पाकिस्तान के बलोचिस्तान में जैश अल अद्ल आर्गेनाईजेशन पर किया जो एक आतंकी संगठन है और ईरान में लम्बे समय से आतंकी हमले करता रहा है और ईरान कहता रहा है कि इस संगठन को पनाह दे कर रखा है पाकिस्तान सरकार या मिलिट्री ने। हालाँकि,पाकिस्तान का कहना है कि इस हमले में 3 मासूम बच्चो की जान गयी है लेकिन ईरान इसको नकारता रहा.हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान ने भी ईरान पे हमला किया और बिलकुल वैसा ही रुख अपनाया जो ईरान ने अपनाया था.उनका कहना है कि ये ईरान के सिस्तान बलोचिस्तान प्रोविंस में आतंकी संगठन पर ये अटैक किया गया है.हालाँकि ईरान का कहना है कि हमले में बच्चे और महिलाएं मारी गयी हैं.
इन सब में एक इलाका हमारी नज़र में आता है जिसके बारे में बात काम हो रही है.और आज ही नहीं कई सालों से.ये इलाका है बलोचिस्तान जहाँ ये हमले हुए हैं.
महरंग बलोच इस्लामबाद में बलोच वीमेन प्रोटेस्ट को लीड कर रही हैं.इस्लामाबाद की ठण्ड से ठिठुरती गलियों में ये प्रोटेस्ट हैं एक्सट्राजुडिसिअल किल्लिंग्स यानि ऐसी हत्याएं जो पाकिस्तान की आर्मी ने बिना किसी न्यायिक या कानूनी कार्यवाई के की है और forced dissappearance के खिलाफ जो बलोचिस्तान में कई सालों से हो रहा है.2006 में महरंग के पिता किडनैप हो जाते हैं और साल 2011 में उनकी डेडबॉडी मिलती है.पाकिस्तानी आर्मी उनके किडनैप से मना करती है लेकिन फिर वहीँ लोग डेड बॉडी के बदले रैनसम यानि फिरौती की मांग करते हैं.इस फिरौती को देने के लिए महरंग का परिवार अपनी जमीन बेच देता है और ये सिर्फ एक मामला है ऐसे कई उदाहरण हैं.महरंग बलोचिस्तान की एक डॉक्टर और ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट हैं जो पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट लीड कर रही हैं.लेकिन क्यों?आखिर कौन हैं ये बलोच?क्या है इनका रेजिस्टेंस?क्या हो रहा है बलोचिस्तान में?ह्यूमन राइट्स की बात करने वाले बड़े मीडिया संस्थान आखिर बलोचिस्तान के मुद्दे पर कहाँ चले जाते हैं?जानेगे इन सब के बारे में
सबसे पहले बलोचिस्तान की जियोग्राफी की बात करते हैं. पाकिस्तान के चार प्रॉविन्सेस हैं खैबर पख्तूनवा,पंजाब, सिंध और बलोचिस्तान,बलोचिस्तान पाकिस्तान का पश्चिमी प्रान्त है और ये पाकिस्तान,ईरान और अफ़ग़निस्तान में बंटा हुआ है.बात पाकिस्तान की करते हैं बलोचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रान्त है लैंडमास में,44 फ़ीसदी हिस्सेदारी के साथ लेकिन यहाँ की जनसँख्या सबसे कम है, 5 फ़ीसदी .बलोचिस्तान मिनरल रिच एरिया है.यहाँ गोल्ड,कॉपर,आयरन,सिल्वर और अन्य कई तरह के मिनरल्स पाए जाते हैं,बलोचिस्तान 44 फ़ीसदी लैंडमास में हिस्सा रखने के बावजूद यहाँ की 62 फ़ीसदी जनसँख्या गरीबी रेखा के नीचे रहती है.बलोचिस्तान का विकास न के बराबर है ,यहाँ न ही कोई बड़ा अस्पताल है,न ही कोई शिक्षण संस्थान,बिजली, पानी हर तरह की मूलभूत सुविधाओं से यहाँ की आवाम वंचित है. इनका राजनीतिक प्रतिनिधित्व भी बेहद कम है.पाकिस्तान की सत्ता में शुरू से पंजाब प्रोविंस का दबदबा रहा है.बलोचिस्तान में एक दो न्यूज़ चैनल्स को छोड़कर कोई न्यूज़ चैनल नहीं है. बीते सालों में यहाँ कई पत्रकारों की हत्या हुई है.एक रिपोर्ट के मुताबिक 2003 से 2017 के बीच 5 से 6 हज़ार बलोच गायब हुए हैं.ये आधिकारिक आंकड़े हैं.असलियत में ये आंकड़े इससे भी ज्यादा हो सकते हैं.बलोचिस्तान में कई ग्रुप्स एक्टिव हैं जो पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लगातार प्रोटेस्ट कर रहे हैं और ये कई सालों से हो रहा है.लेकिन क्यों? बलोचिस्तान के लोगों का साफ़ कहना है कि पाकिस्तान की सरकार को मात्र यहाँ के मिनरल से मतलब है बलोची लोगों से कोई मतलब नहीं है.फ्रांसेस्का मरीनो जो Baluchistan: bruised,battered and bloodied की ऑथर हैं बताती हैं की बलोचिस्तान में कल्चरल जेनोसाइड हो रहा है.बलोच सेक्युलर हैं, यहाँ औरतें हिजाब नहीं पहनती लेकिन उन्हें इन सब के लिए फाॅर्स किया जाता है. उन्हें उनकी भाषा नहीं बोलने दी जाती।खासकर यहाँ की महिलाएं बड़े स्तर पर अत्याचार सहने को मजबूर हैं.पर ये सब कर कौन रहा है?
बलोचिस्तान में पाकिस्तान की आर्मी तैनात है और किसी भी तरह के शक पर यहाँ से लोगों को उठा लिया जाता है,रातों रात यहाँ से लोग गायब हो जाते हैं.महरंग बलोच अपनी एक स्पीच में एक शख्स का ज़िक्र करते हुए बताती हैं कि उस शख्स को 8 गोलियां मारी गयी उनकी माँ रोती रही और 7 गोलियां मरने के बाद विनती करती रहीं की आठवीं गोली न मारी जाये क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि शायद अभी भी उनके बच्चे की जान बचाई जा सकती है लेकिन उनपर कोई रहम नहीं किया गया.
करीमा बलोच ये बलोचिस्तान की एक और एक्टिविस्ट थीं जिनकी मौत साल 2020 में रहस्यमई तरीके से हो जाती है.अपने आखिरी ट्वीट में उन्होंने लिखा था kidnap,torture,murder: the plight of pakistan’s thousand of disappeared.इसके 6 दिन बाद करीमा लापता हो गयीं और बाद में उनकी लाश एक आइलैंड से मिली।इन सब के दरमियान करीमा कनाडा के टोरंटो में थी.वो साल 2016 में ही बलोचिस्तान छोड़ कर कनाडा चली गयीं थी क्योंकि यहाँ उनकी जान को खतरा था.मुनित मंगल बलोच वॉइस एसोसिएशन के मेंबर हैं उन्हें पाकिस्तान आर्मी ने साल 2006 में किडनैप किया और उनके साथ 2 साल तक मानसिक और शारीरिक शोषण किया गया.एक वाकये का ज़िक्र करते हुए वो बताते हैं कि उन्हें एक अन्य बलोच महिला को जबरदस्ती सेक्सुअल एब्यूज करने के लिए फाॅर्स किया गया था.वो दो साल तक कैद में रहे और किसी तरह भाग कर फ्रांस पहुंचे।
अब तक आपको समझ में आ गया होगा कि बलोच आखिर क्यों पाकिस्तान की सरकार का विरोध कर रहे हैं लेकिन ये विरोध कोई आज का नहीं है.इसके लिए थोड़ा पीछे जाना होगा। 1947 से पहले जब भारत आज़ाद होने के साथ विभाजित भी हुआ. बलोचिस्तान के क्षेत्र में ट्राइब्स रहा करती थीं.चार मुख्य ट्राइब्स थीं कलात,मकरान,लॉस बेला और खरान।जब देश आज़ाद हुआ तो इनका कहना था कि हमे स्वतंत्र रहना है और किसी ओर नहीं जाना। न पाकिस्तान में, न हिंदुस्तान में.जिसको लेकर 1876 में ब्रिटिशर्स के साथ एग्रीमेंट हुआ और ट्रीटी ऑफ़ कलात साइन हुई थी लेकिन बाद में हुआ कुछ ऐसा की जो अन्य 3 ट्राइब्स थीं मकरान,लॉस बेला और खरान इन्होने पाकिस्तान के साथ जाने का फैसला किया और इसके साथ कलात पर भी प्रेशर बना और उसी समय आल इंडिया रेडियो के माध्यम से ये खबर फ़ैल गयी की कलात भारत के साथ आना चाहता है.इन सब हालातों में आउट ऑफ़ प्रेशर कलात को पाकिस्तान के साथ जाना पड़ा.कहा ये भी जाता है कि पाकिस्तान आर्मी को उस वक्त जब भारत के साथ जाने की बात पता चली तो उसने जबरदस्ती पाकिस्तान के साथ मर्ज करने के लिए पेपर्स पर साइन करवाए थे.बहरहाल तभी से बलोच जो बलोचिस्तान में 52 प्रतिशत के साथ मेजोरिटी में हैं.ये पाकिस्तान का 2011 का सेन्सस कहता है.तब से ही लगातार अपने लिए ऑटोनोमी की लड़ाई कर रहे हैं.उनका कहना है कि अगर मुसलमान होना ही पाकिस्तान में होने की एक बड़ी वजह है तो ईरान और अफ़ग़ानिस्तान को भी पाकिस्तान में मिल जाना चाहिए।बहरहाल अब तक बलोचिस्तान में 5 बड़े विद्रोह हुए हैं जिनमे पहला विद्रोह साल 1948 में हुआ था. इसको पाकिस्तानी आर्मी के द्वारा दबा दिया गया और जो भी इसमें इन्वॉल्व थे उन्हें या तो मार डाला गया या जेल में डाल दिया गया . उसके बाद से ही लगातर बलोचिस्तान में लोग पाकिस्तानी सरकार और आर्मी के खिलाफ लगातार विद्रोह कर रहे हैं.कहा जाता है कि बलोचिस्तान में आज जो हो रहा है वो किसी दौर में बांग्लादेश ,जो ईस्ट पाकिस्तान था उसके साथ हुआ करता था.पाकिस्तान की सरकार कहती है किं बलोचिस्तान के मामले में भारतीय रॉ की इन्वॉल्वमेंट है.पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान जब विपक्ष में थे तो उन्होंने खुद बलोचिस्तान में हो रही ब्रूटलिटीज़ के बारे में बोला था लेकिन सत्ता में आते ही उनके भी तेवर बदल गए.
भारत की बात करें तो उसका रुख नॉन इंटरफेरॉन्स का रहा है.कश्मीर के मुद्दे में लगातार बात होती रहती है लेकिन भारत कभी खुलकर बलोचिस्तान के बारे में कुछ नहीं बोलता।