Bali Pratipada 2025 Spiritual Significance: क्यों मनाई जाती है बलि प्रतिपदा? क्या है भगवान विष्णु से है इसका सीधा संबंध?

Bali Pratipada 2025 Spiritual Significance

Bali Pratipada 2025 Spiritual Significance: हिंदू पंचांग में प्रतिपदा मतलब महीने का पहला दिन होता है। वही बलि प्रतिपदा की तिथि अर्थात शुक्ल पक्ष का पहला दिन दीपावली के बाद अगली तिथि पर पड़ती है। अर्थात अमावस्या के बाद पड़ने वाली पहली तिथि का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व माना जाता है। मुख्य रूप से दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में अमावस्या के बाद की तिथि को बलि प्रतिपदा के नाम से जाना जाता है। बता दे इस तिथि का राजा बलि और भगवान विष्णु से सीधा कनेक्शन है।

Bali Pratipada 2025 Spiritual Significance
Bali Pratipada 2025 Spiritual Significance

कौन थे राजा बलि? क्यों मिला उन्हें वरदान

यहां राजा बलि जिन्हें महाबली भी कहा जाता है जो हिरण्यकश्यप वंश के प्रसिद्ध और धर्म परायण राजा थे। उनके राज्य में किसी व्यक्ति को कोई कमी नहीं थी। लोग उनकी उदारता और न्याय की प्रशंसा करते थे। महाबली की शक्ति और लोकप्रियता ने देवताओं को चिंतित कर दिया और उन्होंने विष्णु से वामन अवतार लेकर उनकी परीक्षा लेने के लिए कहा। भगवान विष्णु वामन अवतार में छोटे बालक के रूप में महाबली के पास आए और उनसे तीन पग भूमि देने का अनुरोध किया। महाबली ने अपनी उदारता का परिचय देते हुए तीन पग भूमि देने की बात स्वीकार कर ली।

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भगवान वामन ने पहला पग धरती पर रखा, दूसरा पग स्वर्ग पर और जब तीसरा पग बचा तो भगवान वामन प्रश्न मुद्रा में महाबली की तरफ देखने लगे। तब महाबली खुद भगवान के पद के नीचे लेट गए और तीसरे पद में खुद को समर्पित कर दिया। भगवान विष्णु महाबली की भक्ति और सत्य निष्ठा से अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्हें पाताल लोक का अधिपति घोषित किया और हर वर्ष प्रजा से मिलने का वरदान दिया। इसीलिए प्रत्येक वर्ष बलि प्रतिपदा का दिन मनाया जाता है।

बलि प्रतिपदा के दिन क्या करें

  • बलि पतिपदा के दिन पूर्वजों की याद में पूजा की जाती है। घर के पूजा स्थल पर दीपक जलाया जाता है और पूर्वजों के नाम से दान पुण्य किया जाता है।
  • इस दिन अन्न, वस्त्र, मिट्टी के बर्तन, पैसा दान करने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
  • बलि प्रतिपदा के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं।
  • जरूरतमंद व्यक्ति को तिल और गुड़ का दान करें।
    इस दिन परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर पूर्वजों के लिए प्रार्थना करें और ब्राह्मण भोज करवाएं।
  • संभव हो सके तो इस दिन किसी अनाथ आश्रम या वृद्ध आश्रम में भोजन और पुस्तक दान करे।
  • बलि प्रतिपदा के दिन रसोई घर के पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में छोटा दीपक अवश्य लगे इससे सौभाग्य और स्वास्थ्य बढ़ता है।

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