Bajrangbali ka panchmukhi avtaar | रामायण का एक ऐसा किरदार है जिसके बारे में कई लोगों को नहीं पता है लेकिन उसने रामायण में अपनी एक अहम भूमिका निभाई थी. यह किरदार रावण की तरफ से था जिसने श्री राम और लक्ष्मण का अपहरण किया था, जिसे बचाने बजरंगबली गए थे और वहां उन्होंने उस राक्षस का वध पंचमुखी अवतार लेकर किया था. आइये जानते हैं इस राक्षस के बारे में और यह भी जानते हैं कि आखिर कैसे और क्यों बजरंगबली को पंचमुखी अवतार लेना पड़ा था।
रावण का भाई अहिरावण (Ahiravan)
इस किरदार का नाम है अहिरावण ये रावण का भाई है जो की पाताल लोक में रहता था और यह पाताल लोक का राजा था, रामायण में जब श्री राम और रावण के बीच युद्ध हो रहा था उस वक्त रावण ने अपने भाई और पाताल लोक के राजा अहिरावण से मदद मांगी थी क्योंकि अहिरावण एक छली और एक बुद्धिमानी राजा था। इसके बाद अहिरावण ने चालाकी से श्री राम और उनके छोटे भाई लक्ष्मण जी को पाताल लोक में बंदी बना लिया लेकिन ऐसा करना उसके जीवन की सबसे बड़ी भूल बन गई और यही बना उसकी मृत्यु का कारण।
जब बजरंगबली ने लिया पंचमुखी अवतार (Bajrang bali ka panchmukhi avtar)
जब बजरंगबली जी को श्री राम और लक्ष्मण जी के अपहरण की सुचना हुई तो वे उन्हें बचाने पाताल लोक पहुंच गए. लेकिन अहिरावण एक बेहद चतुर राक्षस राजा था, छल करना उसकी प्रकृति थी जिसकी वजह से बजरंग बलि जी अहिरावण को मार ही नहीं पा रहे थे लेकिन बजरंग बलि भी बुद्धि के बलि थे और उन्हें ये बात पता चल गयी की अहिरावण के वध का केवल एक ही तरीका है. जब अहिरावण द्वारा देवी भवानी को प्रसन्न केन्र के लिए पांच दिशाओं में जलाये गए दीयों को साथ बुझाया जाये तभी अहिरावण की मृत्यु हो सकती है. ये जानने के बाद बजंरग बलि ने बुद्धि लगाई और पंचमुखी अवतार धारण किया जो कि नरसिंह, गरुड़, अश्व, वानर और भगवान हनुमान के पांच रूप थे. इसके बाद उन्होंने पांचो दिशाओ में जल रहे उन दीयों को एक साथ बुझाया और अहिरावण को मोक्ष प्रदान किया।