Dhirendra Krishna Shastri | बागेश्वर धाम सरकार | Bihar Gopalganj | गुरुवार को बागेश्वर धाम सरकार गोपालगंज पहुंचे, जहां उनकी 5 दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई। लेकिन ये सिर्फ एक कथा नहीं है, बल्कि हिंदुओं को एकजुट करने का उनका एक और बड़ा कदम है। क्या भारत एक हिंदू राष्ट्र बन सकता है?
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बिहार की धरती से एक बार फिर हिंदू एकता का आह्वान किया है। उनके बयान ने पूरे देश में नई बहस छेड़ दी है! आज की इस वीडियो में हम जानेंगे उनके बयान के पीछे की गहराई, उनकी पूर्व की पदयात्रा और हिंदू राष्ट्र पर उनके विचार। वीडियो को अंत तक ज़रूर देखें!
हम यहां अपने लिए नहीं, देश के हिंदुओं को जगाने आए हैं – शास्त्री
6 मार्च को पंडित धीरेंद्र शास्त्री बिहार के गोपालगंज पहुंचे। यहां रामनगर के श्रीराम जानकी मठ में उनकी 5 दिन की कथा शुरू हुई, जो 10 मार्च तक चलेगी। पहले दिन उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कुछ ऐसा कहा, जिसने सबका ध्यान खींच लिया। उन्होंने कहा, ‘हम यहां अपने लिए नहीं, देश के हिंदुओं को जगाने आए हैं। हमारी कोई निजी लड़ाई नहीं है। हम 150 करोड़ हिंदुओं की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारे मन में पीड़ा है, और इसी के लिए हम दिन-रात मेहनत करते हैं।’
उनके इस बयान से साफ है कि उनका मिशन सिर्फ कथा वाचन तक सीमित नहीं है, बल्कि वो हिंदू एकता और सनातन धर्म के प्रचार के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई उन्हें बिहार में रोकने की कोशिश करेगा, तो वो न सिर्फ कथा कहेंगे, बल्कि मठ बनाएंगे, मकान बनाएंगे, और कहते हैं, ‘छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं।’ 8 मार्च को वो यहां अपना मशहूर दिव्य दरबार भी लगाने वाले हैं, जिसमें लाखों भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है।
150 करोड़ हिंदुओं को कहीं से निकाला जाए, तो वो जाएंगे कहां – शास्त्री
अब बात करते हैं उनके हिंदू राष्ट्र वाले बयान की, जो गोपालगंज में भी गूंजा। उन्होंने कहा, ’65 से ज्यादा इस्लामिक देश हैं, 95 से ज्यादा ईसाई देश हैं, यहूदियों का एक देश है, बौद्धों का एक देश है। लेकिन अगर 150 करोड़ हिंदुओं को कहीं से निकाला जाए, तो वो जाएंगे कहां? सबकी व्यवस्था है, लेकिन हिंदुओं की नहीं।’ उनका ये सवाल बहुत गहरा है, और वो इसे पहले भी उठाते रहे हैं। 2023 में नागपुर में एक कथा के दौरान उन्होंने कहा था, ‘तुम मेरा साथ दो, हम हिंदू राष्ट्र बनाएंगे।
भारत के लोग अब चूड़ियां पहनकर घर में नहीं बैठेंगे।’ फिर पिछले साल नवंबर 2024 में उनकी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के दौरान ओरछा में उन्होंने हिंदुओं को ‘कट्टर’ बनने की सलाह दी थी। उनका कहना था कि जब तक हिंदू एकजुट और मजबूत नहीं होंगे, उन्हें उनकी मंजिल नहीं मिलेगी। वो मस्जिदों को लेकर भी विवादित बयान दे चुके हैं, जैसे ज्ञानवापी को शिव मंदिर बताना। ये सारे बयान उनके उस सपने को दिखाते हैं, जिसमें वो भारत को हिंदू राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं।
स्लाइड तीन : हिंदुओं में जात-पात और ऊंच-नीच को खत्म करना है – शास्त्री
अब आते हैं उनकी मशहूर सनातन हिंदू एकता पदयात्रा पर, जो नवंबर 2024 में हुई थी। ये यात्रा मध्य प्रदेश के छतरपुर से शुरू हुई और 158 किलोमीटर पैदल चलकर ओरछा के राजा राम मंदिर पर खत्म हुई। इस यात्रा में धीरेंद्र शास्त्री ने अपने पैरों में छाले पड़ने के बावजूद हार नहीं मानी। उन्होंने पैरों में पट्टी बांधी, खड़ाऊं नहीं पहने, और फूल-माला भी नहीं स्वीकारी।
उनका कहना था, ‘ये यात्रा शोभा यात्रा नहीं, विचारों की क्रांति लाने के लिए है। जब तक हिंदुओं को एक नहीं कर लेता, तब तक रुकना-थकना नहीं है।’ इस यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए थे, जिसमें अभिनेता संजय दत्त और पहलवान ग्रेट खली जैसे नामी चेहरे भी दिखे। यात्रा का मकसद था हिंदुओं में जात-पात और ऊंच-नीच को खत्म करना और उन्हें एक मंच पर लाना। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था, ‘भारत की स्थिति विचित्र है। हम बंट रहे हैं, इसलिए हम पर हमले हो रहे हैं। हिंदुओं को एक करना ही हमारा संकल्प है।’